अंक ज्योतिष का चलन दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। वैसे तो इसे पाश्चात्य विधा माना जाता है, लेकिन इस पर वैदिक ज्योतिष का प्रभाव भी देखने को मिलता है। इसमें लकी नंबर यानी मूलांक निकालकर व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है।
Daily Numerology Rashifal: अंक ज्योतिष भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इसकी गणना का मुख्य आधार जन्म तारीख होती है। डेट ऑफ बर्थ के अनुसार जन्मांक, मूलांक और नामांक आदि पर विचार किया जाता है।
Daily Numerology Rashifal: अंकों का हमारे जीवन से बहुत ही गहरा संबंध है क्योंकि ये अंक किसी न किसी तरह हमारी लाइफ पर अच्छा और बुरा असर जरूर डालते हैं। यही कारण है अंक ज्योतिष में हर अंक किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधि बताया गया है।
Daily Numerology Rashifal: अंकों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ये अंक न सिर्फ हमारा जीवन आसान करते हैं बल्कि इनके माध्यम से हम अपने भविष्य के बारे में भी जान सकते हैं। इस विधा को अंक शास्त्र व न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
Daily Numerology Rashifal: अंक ज्योतिष का चलन भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। हालांकि ये एक पाश्चात्य विधा है, लेकिन इस पर वैदिक ज्योतिष का भी प्रभाव है। क्योंकि अंक ज्योतिष में हर अंक किसी न किसी ग्रह से संबंधित माना जाता है।
देश-दुनिया में भविष्य जानने की कई विधाएं हैं, अंक ज्योतिष भी इनमें से एक है। अंक ज्योतिष के माध्यम से भी भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इसलिए इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के माध्यम से भी किसी भी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी खास बातें जानी जा सकती हैं। वर्तमान में अंक ज्योतिष का चलन बढ़ता जा रहा है। अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 अंक तक सभी किसी से किसी ग्रह से संबंधित हैं।
Daily Numerology Rashifal: हमारे जीवन के हर क्षेत्र में अंकों का काफी महत्व होता है। ये अंक किसी न किसी रूप में हमारी लाइफ पर असर डालते हैं इसलिए अंक ज्योतिष में बताई गई भविष्यवाणी काफी हद तक सटीक होती है।
Daily Numerology Rashifal: अंक ज्योतिष भी वैदिक ज्योतिष की तरह ही सटीक भविष्यवाणी करता है। समय के साथ इसका चलन भी बढ़ता जा रहा है। अंक ज्योतिष पर कहीं न कहीं ग्रहों का प्रभाव भी देखने को मिलता है क्योंकि हर अंक एक ग्रह से जुड़ा हुआ है।
Weekly Tarot Horoscope: वर्तमान में टैरो कार्ड्स भी भविष्य जानने की एक प्रचलित विधा बनती जा रही है। ये पाश्चात्य संस्कृति से संबंधित है। हालांकि भारत में अभ इसका चलन बढ़ता जा रहा है। इसमें ताश के पत्तों की तरह ही पत्तों का उपयोग किया जाता है।