सार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक निश्चित समय के बाद, प्रत्येक ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है, इस दौरान, एक राशि में एक या एक से अधिक ग्रहों के मिलने से कई प्रकार के योग और राजयोग बनते हैं। इसी क्रम में, अब दीपावली से पहले, करवा चौथ के अवसर पर, 5 राजयोग एक साथ बनने जा रहे हैं, जिसका राशियों और मानव जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा, इसलिए 80 साल बाद करवा चौथ के मौके पर 5 राजयोग बनेंगे। इसमें शनि से शश, गुरु चंद्र से गजकेसरी, महालक्ष्मी, सूर्य बुध से बुधादित्य और गुरु शुक्र से समसप्तक राजयोग का निर्माण होगा। इससे कुछ राशियों का भाग्य चमक सकता है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये भाग्यशाली राशियां।
वृषभ राशि वालों के लिए वर्षों बाद एक साथ 5 राजयोगों का बनना फलदायी साबित हो सकता है। विवाहितों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। नौकरी में तरक्की होगी और व्यापार में निवेश करने का समय अनुकूल रहेगा और आपका भाग्य आपके साथ रहेगा।
तुला राशि वालों के लिए 5 राजयोग का बनना किसी वरदान से कम नहीं साबित होगा। करियर और व्यापार में उन्नति मिल सकती है। कोई लग्जरी वस्तु खरीद सकते हैं। लोगों के साथ नए संबंध बनेंगे, सुख-सुविधाओं में वृद्धि होने की संभावना है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिल सकती है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। इसके साथ ही आप धन संचय करने में भी सफल रहेंगे।
कन्या राशि वालों के लिए 5 राजयोग भाग्यशाली साबित होंगे। व्यापार में नए सौदे मिल सकते हैं। बेरोजगारों की नौकरी की तलाश पूरी हो सकती है। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होंगी। इस दौरान आप वाहन भी खरीद सकते हैं। व्यापार में अच्छा धन लाभ होगा। पराक्रम और साहस में वृद्धि होगी। बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है। विवाहितों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि लग्न से या चंद्र राशि से केंद्र भाव में होता है, अर्थात, यदि किसी जातक की कुंडली में शनिदेव लग्न या चंद्र से 1, 4, 7 या 10वें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हों, तो ऐसे जातक की कुंडली में शश राजयोग बनता है।
गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से चंद्रमा केंद्र में होने पर व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग बनता है या व्यक्ति की कुंडली के लग्न, चतुर्थ और दशम भाव में गुरु और चंद्रमा एक साथ हों, तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है। यदि चंद्रमा या गुरु एक-दूसरे की उच्च राशि में हों तो भी यह योग बनता है।
कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ होने पर, गुरु और शुक्र एक-दूसरे के भाव से दूर होने पर बुधादित्य राजयोग बनता है। शुक्र और मंगल के मिलने पर महालक्ष्मी राजयोग बनता है।