सार
ज्योतिष में, 12 राशियों का उल्लेख किया गया है और प्रत्येक राशि का अपना स्वभाव होता है।
आज के समय में, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो झूठ नहीं बोलता होगा, वरना एक व्यक्ति दिन में कई बार झूठ बोलता है। कुछ लोग अच्छाई के लिए झूठ बोलते हैं तो कुछ लोग बुरे कामों को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। कुछ लोग आलस्य के कारण झूठ बोलते हैं और कुछ लोग अपनी भावनाओं को छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं।
कहते हैं मेष राशि के लोग चाहे कितने भी काम के दबाव में क्यों न हों, अपनी स्थिति के बारे में किसी को नहीं बताते हैं। अगर कोई पूछे तो सिर्फ यही जवाब देते हैं कि काम का दबाव नहीं है। साथ ही, ये लोग किसी को यह भी नहीं बताते कि उन्हें अपने काम के लिए प्रेरणा किससे मिलती है और पूछने पर झूठ बोल देते हैं।
मिथुन राशि के लोग उन लोगों की भी तारीफ करते हैं जिन्हें वे पसंद नहीं करते हैं। जब उनके मन में कुछ और होता है, तब भी वे ऊपरी तौर पर झूठी प्रशंसा करते हैं। दूसरे व्यक्ति के सामने अच्छा दिखने के लिए वे कई तरह के झूठ बोलते हैं। कई बार ये लोग अपनी स्थिति के बारे में झूठ बोलते हैं और सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं।
कर्क राशि के लोग झूठ बोलते हैं कि वे किसी पर निर्भर नहीं हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वे बहुत ही कंजूस और असहाय होते हैं। जब वे दुखी होते हैं या नकारात्मक सोचते हैं, तो वे इस बात को झूठा साबित करते हैं कि वे अपनी इच्छाशक्ति से तुरंत सकारात्मक हो जाते हैं। वे कभी-कभी झूठ भी बोल देते हैं।
मकर राशि के लोग कभी-कभी अपने काम के बारे में झूठ बोलते हैं। साथ ही, जब परिस्थिति पूरी तरह से इन लोगों के हाथ से निकल जाती है तो ये कहते हैं कि इन्हें किसी की मदद की ज़रूरत नहीं है, ये खुद ही सब संभाल लेंगे। सच्चाई यह है कि जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो इन्हें दूसरों की ज़रूरत होती है लेकिन ये यह बात नहीं बताते।
कुंभ राशि के लोग अपनी भावनाओं को छिपाने के लिए अक्सर झूठ बोलते हैं। अगर उनका दिल किसी बात से दुखी भी हो, तो वे दूसरों को दिखाते हैं कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें बहुत तकलीफ होती है। कई बार ये लोग अपनी बातों से दूसरे व्यक्ति को फँसा लेते हैं और किसी को पता भी नहीं चलता।