सार
२०२५ में ग्रहों के सेनापति मंगल अस्त अवस्था में जाएंगे, जो १८२ दिनों तक इसी स्थिति में रहेंगे। इस दौरान कुछ राशियों के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, 1 नवंबर 2025 को शाम 6:36 बजे मंगल ग्रह अस्त अवस्था में जाएंगे, जो 182 दिनों तक इसी स्थिति में रहेंगे। 182 दिनों के बाद अगले साल 2 मई 2026 को सुबह 4:30 बजे मंगल उदय होंगे। ग्रहों के सेनापति मंगल का ज्योतिष शास्त्र में विशेष स्थान है, यह ऊर्जा, भाई, शक्ति, भूमि, पराक्रम, साहस और वीरता आदि प्रदान करते हैं। राशि और नक्षत्रों के गोचर के साथ-साथ मंगल अस्त अवस्था में भी जाते हैं। जब मंगल की स्थिति ग्रहों के राजा सूर्य के आसपास होती है, तब मंगल अस्त हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि 12 राशियों के जीवन पर मंगल के अस्त होने का अशुभ और शुभ प्रभाव पड़ता है।
2025 में किस दिन और किस समय मंगल अस्त होंगे, यह हम आपको बता रहे हैं। इसके साथ ही आप उन तीन राशियों के बारे में भी जानेंगे, जिनके जातकों पर मंगल के अस्त होने का अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
मंगल के अस्त होने से वृषभ राशि के जातकों का तनाव बढ़ सकता है। नौकरीपेशा लोगों का अनावश्यक खर्च बढ़ेगा। व्यापारियों की आय में कमी देखने को मिलेगी, जिससे मानसिक तनाव बढ़ेगा। व्यापारियों के लिए निवेश महंगा साबित हो सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं। ६० से ८० वर्ष की आयु के लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। खासतौर पर सिरदर्द या अनिद्रा की समस्या बनी रहेगी।
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल का अस्त होना विशेष रूप से अच्छा नहीं है। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों से विवाद हो सकता है, इस कारण नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति में देरी का सामना करना पड़ सकता है। अनावश्यक खर्चों में वृद्धि से घर का बजट बिगड़ सकता है। बुजुर्गों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। विवाहित लोगों का जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों से झगड़ा हो सकता है।
ग्रहों के अधिपति मंगल के अस्त होने से कुंभ राशि के जातकों को तनाव का सामना करना पड़ेगा। एक ही कंपनी या कारखाने में लंबे समय से काम कर रहे लोगों की आय में कमी आने की संभावना है। व्यापारियों को पुराने निवेश से लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही उनके सभी नए सौदे समय पर पूरे नहीं होंगे, जिससे कई नए प्रोजेक्ट उनके हाथ से निकल सकते हैं।