सार

21 अक्टूबर से 12 जनवरी तक, मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। मंगल का कर्क राशि में प्रवेश करना शुभ नहीं है।
 

इस महीने की 21 तारीख से 12 जनवरी तक, मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। मंगल के कर्क राशि में प्रवेश करते ही मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, धनु और मकर राशि के जातकों पर कुज दोष का प्रभाव पड़ेगा। कुज दोष को मांगलिक दोष भी कहते हैं। वैवाहिक जीवन पर इसका प्रभाव बहुत होता है। कुज जब किसी राशि के 1, 2, 4, 7, 8, 12वें भाव में गोचर करता है तो कुज दोष लगता है। यह दोष हर राशि के लिए अलग-अलग होता है।

मेष राशि के चौथे भाव में मंगल ग्रह का नीच होना घर में थोड़ा पारिवारिक सुख कम कर देता है। जीवनसाथी से बहस में न पड़ना ही बेहतर है। नौकरी, व्यवसाय और व्यापार के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, जिससे परिवार में कुछ परेशानियां पैदा हो सकती हैं। रिश्तेदारों से मुलाकात भी होगी। 

मिथुन राशि वालों के लिए पारिवारिक स्थिति में कुज दोष होने से जल्दबाजी के काम और जल्दबाजी में लिए गए फैसले आने की संभावना है। हर छोटी बात का गलत मतलब निकाला जा सकता है। फिजूलखर्ची भी परेशानी का सबब बन सकती है। जीवनसाथी से बहस में न पड़ना ही बेहतर है।  धैर्य रखने की जरूरत है। पारिवारिक मामलों और वैवाहिक जीवन में थोड़े समय के लिए समझौता करना शुभ रहेगा।

कर्क राशि वालों को काम और काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, काम का बोझ बढ़ने से पारिवारिक मामले थोड़े बिगड़ सकते हैं। जीवनसाथी के साथ अनबन होने की संभावना है। छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं परेशानी का कारण बन सकती हैं। परिवार या जीवनसाथी पर खर्च बढ़ने की संभावना है। जीवनसाथी से सलाह लेकर फैसले लेना फायदेमंद रहेगा।

सिंह राशि वालों के जीवनसाथी से थोड़ा अलग होने की संभावना है। वैवाहिक जीवन में खुशियां कम होने के संकेत हैं। दंपति में से किसी एक का दूर स्थान पर तबादला या दूर स्थान पर अच्छी नौकरी मिलने की संभावना है। रिश्तेदारों से पारिवारिक कलह होने की भी संभावना है। परिवार पर बढ़ते खर्च से गुस्सा और बेचैनी बढ़ने के भी संकेत हैं।

धनु राशि के आठवें भाव में कुज का गोचर होने से मांगलिक दोष लगता है। इस वजह से दंपति में से किसी एक की तबीयत खराब हो सकती है। जीवनसाथी और परिवार पर खर्च बढ़ने की भी संभावना है। गुस्से पर काबू रखना बहुत जरूरी है। जल्दबाजी में कही गई बातें और जल्दबाजी में लिए गए फैसले जीवनसाथी से अनबन का कारण बन सकते हैं। बच्चों के कारण दंपति के बीच मतभेद हो सकते हैं।

मकर राशि के सातवें भाव में मंगल के गोचर से परिवार में तनाव और मानसिक दबाव बढ़ने की संभावना है। जीवनसाथी का अहंकारी रवैया थोड़ी बेचैनी दे सकता है। नौकरी, व्यवसाय, व्यापार और अधिक यात्राओं की आवश्यकता के कारण, काम का अधिक बोझ वैवाहिक जीवन में परेशानियों का कारण बन सकता है। जीवनसाथी को दूर स्थान पर नौकरी मिलने की भी संभावना है।