ग्रहों की चाल और गति समय-समय पर बदलती रहती है। ज्योतिष शास्त्र में इसके बारे में बताया गया है। इसके अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय के बाद राशि बदलता है। ग्रहों के राशि बदलने से लोगों पर भी इसका असर दिखाई देता है।
ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां बताई गई हैं। इन सभी राशियों के स्त्री-पुरुष की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। कोई बहुत ईमानदार होते हैं कोई बहुत शक्तिशाली। किसी राशि के लोग आलसी होते हैं तो किसी राशि के बहुत एक्टिव।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को कई विशेष पद दिए गए हैं। इसी क्रम में बुध को ग्रहों का राजकुमार का पद दिया गया है। ये ग्रह आमतौर पर 21 दिन में राशि बदलता है। इस बार ये ग्रह 25 अप्रैल को राशि बदलकर मेष से वृषभ में प्रवेश करेगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 26 अप्रैल, मंगलवार को है। इस दिन इंद्र और ब्रह्म नाम के 2 शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह हर ढाई साल में राशि बदलता है। इस बार ये ग्रह 29 अप्रैल को राशि (Shani Rashi Parivartan 2022) बदलकर मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मकर और कुंभ दोनों ही शनि के स्वामित्व की राशि है। अगर कहा जाए कि शनि अपने एक घर से निकलकर दूसरे घर में प्रवेश करेगा तो गलत नहीं होगा।
समय-समय पर सूर्य (Surya grahan 2022) व चंद्रग्रहण की घटनाएं हमारे सौरमंडल में होती रहती हैं। वैसे तो ये खगोलीय घटनाएं है, लेकिन हमारे विद्वानों ने इसे धर्म और ज्योतिष से भी जोड़ा है। यानी इसका धार्मिक महत्व भी होता है।
इस बार 30 अप्रैल, शनिवार को साल का पहला सूर्यग्रहण (Solar eclipse 2022) होने जा रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका कोई भी धार्मिक और ज्योतिषी प्रभाव नहीं माना जाएगा और न ही सूतक आदि नियम मान्य होंगे। ये ग्रहण मेष राशि में होगा। इसी दिन शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2022) का योग भी बन रहा है।
अप्रैल 2022 का अंतिम सप्ताह ज्योतिषिय दृष्टिकोण से बहुत ही खास रहने वाला है क्योंकि इस सप्ताह में 3 ग्रह एक के बाद एक राशि बदलेंगे। वहीं महीने के अंतिम दिन शनिश्चरी अमावस्या के साथ ही सूर्यग्रहण का योग भी बन रहा है। ऐसा संयोग बहुत कम बार बनता है जब शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्यग्रहण हो।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है। इनमें सबसे तेज गति चंद्रमा की होती है जो हर सवा दो दिन में राशि बदलता है तो सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि है, जो ढाई साल में एक बार राशि बदलता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 3 मई, मंगलवार को है। ये तिथि साल के 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक है। यानी इस दिन बिना मुहूर्त के भी कोई भी मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।