उज्जैन. सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय कब आएगा? कब हमारे पास बहुत सारा पैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। ये एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के अनुसार भी बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा?
कुंडली में होते हैं बारह भाव
कुंडली में बारह भाव होते हैं और ये 12 राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली का प्रथम भाव यानी कुंडली के केंद्र स्थान में पहला घर जिस राशि का होता है, उसी राशि के अनुसार कुंडली का लग्न निर्धारित होता है। लग्न के आधार पर कुंडलियां बारह प्रकार की होती हैं।
अपनी कुंडली का पहला भाव यानी लग्न देखिए और यहां जानिए किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है…