समुद्र शास्त्र में शरीर के सभी अंगों के आधार पर भी स्वभाव, आदतें और भविष्य की जानकारी दी गई है।
जून 2020 में सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का राशि परिवर्तन होगा। 30 जून को गुरु धनु राशि में आ जाएगा, जो कि इस ग्रह की ही राशि है। ये ग्रह इस राशि में 20 नवंबर तक रहेगा।
5 जून, शुक्रवार को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि नाम का एक शुभ योग भी बन रहा है।
इस बार 5 जून, शुक्रवार को मांद्य चंद्रग्रहण होगा। मांद्य चंद्रग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकेंगे।
गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम का शुभ योग बन रहा है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, कई मामलों में पति को पत्नी की किस्मत से धन लाभ और सुख मिलता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार, हर स्त्री के पैर में कुछ खास निशान होते हैं, जो कई तरह के संकेत देते हैं।
उज्जैन. 3 जून, बुधवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि का योग है। इस दिन स्वाती नक्षत्र रहेगा। बुधवार को स्वाती नक्षत्र होने से ध्रूम नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। जानिए किस राशि पर कैसा होगा इस अशुभ योग का असर…
जून 2020 में एक चंद्र और एक सूर्य के योग बन रहे हैं। 5 जून को चंद्रग्रहण होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारत में इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा।
उज्जैन. 2 जून, मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय चित्रा नक्षत्र में होगा। मंगलवार को चित्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग बन रहा है। इसके अलावा मंगलवार को द्विपुष्कर नाम का एक शुभ योग भी बन रहा है। इस दिन सुबह लगभग 10 बजे चंद्रमा राशि बदलकर कन्या से तुला में प्रवेश करेगा। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार गृहप्रवेश, मुंडन, शादी, सगाई और अन्य मांगलिक कामों के लिए शुभ महीन, तिथि, वार, नक्षत्र और शुभ दिन का विचार किया जाता है। इन सबको देखते हुए ही किसी शुभ काम के लिए मुहूर्त निकाला जाता है।