शनिदेव मनुष्य को उसके हर अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं, इसलिए उन्हें न्यायाधीश कहा जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का असर होता है, उन्हें इस दौरान अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, ऐसी स्थिति में शनिवार को शनिदेव की पूजा करने के बाद अगर तिल के तेल से आरती की जाए तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ये है शनिदेव की पूजा की पूरी विधि...