बुधवार को सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा। इस वजह से मातंग नाम का शुभ और व्यतिपात नाम का अशुभ योग बन रहा है।
मंगलवार की शाम को चंद्रमा बदलेगा राशि और पुनर्वसु नक्षत्र होने से स्थिर नाम का शुभ योग रहेगा।
भगवान श्रीगणेश के कई रूपों की आराधना विशेष कार्य सिद्धियों के लिए की जाती है।
सोमवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग बन रहा है।
यूं तो पूर्णत: वास्तु सम्मत भवन बनाना काफी कठिन होता है। भवन बनवाते समय कहीं न कहीं त्रुटि हो ही जाती है।
सोलह संस्कारों में विवाह सबसे प्रमुख संस्कार होता है। विवाह को लेकर सभी के मन में कुछ प्रश्न अवश्य होते हैं। जैसे- विवाह कब होगा, जीवन-साथी कैसा होगा इत्यादि।
17 अगस्त से सूर्य स्वयं के स्वामित्व वाली राशि सूर्य में प्रवेश कर चुका है। सूर्य इस राशि में अब 17 सितंबर तक रहेगा।
रविवार को सौम्य, हर्षण नाम के शुभ और वज्र नाम का अशुभ योग भी बन रहा है।
शकुन शास्त्र भारतीय साहित्य का बहुत प्राचीन ग्रंथ है। इस ग्रंथ में हमारे दैनिक जीवन में होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं के संबंध में विस्तृत वर्णन मिलता है।
गणेशजी को वक्रतुंड भी कहा जाता है। इस शब्द का अर्थ है मुड़ी हुई सूंड।