Aaj Ka Panchang: 20 फरवरी, मंगलवार को जया एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन चर, सुस्थिर, त्रिपुष्कर, प्रीति और आयुष्मान नक्षत्र भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:30 से शाम 04:56 तक रहेगा। अमृत काल इस दिन नहीं है।
Daily Horoscope 20 February 2024: 20 फरवरी, मंगलवार को जया एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन आर्द्रा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
Lucky Rashi of 19 February 2024: 19 फरवरी, सोमवार का दिन 4 राशि वालों के लिए काफी खास रहेगा। इन 4 राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा, जिससे इन्हें कई तरह के फायदे आज हो सकते हैं।
Aaj Ka Panchang: 19 फरवरी, सोमवार को मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र होने से क्रमश: आनंद और कालदण्ड नाम के योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि, विषकुंभ और प्रीति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।
Daily Horoscope 19 February 2024: 19 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि का संयोग रहेगा। इस दिन बुध ग्रह मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस शनि के साथ इसकी युति बनेगी। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
Lucky Rashi of 18 February 2024: 18 फरवरी, रविवार का दिन 5 राशि वालों के लिए काफी लकी यानी किस्मत चमकाने वाला रहेगा। इन लोगों को धन लाभ के साथ और भी कईं सारे फायदे मिलेंगे।
Aaj Ka Panchang: 18 फरवरी, रविवार को माघ मास की गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन रहेगा। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इस दिन प्रजापति, सौम्य, वैधृति और विषकुंभ नाम के 4 योग रहेंगे। राहुकाल दोपहर 04:55 से 06:20 तक रहेगा।
Daily Horoscope 18 February 2024: 18 फरवरी को राहुकाल दोपहर 04:55 से 06:20 तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।
Weekly Horoscope 2024: फरवरी 2024 का तीसरा सप्ताह 3 राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ रहेगा, ये राशियां हैं मेष, सिंह और धनु। इस सप्ताह में कईं ग्रह राशि बदलेंगे, वहीं कईं प्रमुख त्योहार भी इस समय मनाए जाएंगे।
Bhishm Dwadashi 2024: भीष्म पितामाह महाभारत के प्रमुख पात्र थे। ग्रंथों के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद माघ मास में इन्होंने अपने प्राणों का त्याग किया था। इस तिथि पर भीष्म पितामाह के लिए तर्पण-पिंडदान आदि किया जाता है।