सार
ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शनि को कर्मफल दाता और न्याय के देवता भी कहा जाता है। जो लोग शुभ कर्म करते हैं, उन्हें शनि हमेशा शुभ फल प्रदान करते हैं। दूसरों को परेशान करने वाले और बुरे कर्म करने वालों पर शनि का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा शनि के राशि परिवर्तन और नक्षत्र परिवर्तन को भी बहुत खास माना जाता है। शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इसलिए उसे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। समय-समय पर नक्षत्र भी बदलते रहते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव अभी पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में हैं और 3 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 27 दिसंबर तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। इस नक्षत्र के स्वामी राहु हैं। शनि का यह नक्षत्र परिवर्तन कुछ राशियों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा।
शतभिषा नक्षत्र में शनि का प्रवेश वृषभ राशि वालों के लिए बहुत ही लाभकारी रहेगा। इस राशि के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। इस दौरान आपका व्यक्तित्व निखरेगा। कार्यक्षेत्र में दिए गए लक्ष्यों को आप पूरा करेंगे। इस दौरान आपके वरिष्ठ अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे। इस अवधि में आपको सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। जीवन में मान-सम्मान और कार्यक्षेत्र में वर्चस्व की प्राप्ति होगी। विदेश जाने के योग बनेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सुखद समाचार मिलेगा। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
शतभिषा नक्षत्र में शनि का प्रवेश धनु राशि वालों के लिए बहुत ही सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आय के नए स्रोत बनेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। इस दौरान आपके जीवन में खुशियों का आगमन होगा। इस अवधि में रुके हुए काम पूरे होंगे, करियर में मनचाही सफलता मिल सकती है। व्यापार में मनचाही तरक्की मिलेगी। नए काम की शुरुआत होगी। कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाएं दूर होंगी। इस राशि के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। इस दौरान आपका व्यक्तित्व निखरेगा। प्रेम संबंध अच्छे रहेंगे, रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी। कार्यक्षेत्र में दिए गए लक्ष्यों को आप पूरा करेंगे। इस दौरान आपके वरिष्ठ अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे।