सार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु वर्तमान में वृषभ राशि में वक्री है और 16 नवंबर को शनि के साथ कुंभ राशि में गोचर करेगा।
 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु एक निश्चित अवधि के बाद अपनी राशि या नक्षत्र बदलते हैं। गुरु लगभग एक वर्ष तक एक राशि में रहते हैं, जिसका प्रत्येक राशि के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में गुरु वृषभ राशि में विराजमान हैं और इस वर्ष इसी राशि में रहेंगे। वहीं कर्मफल दाता शनि भी लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं। ज्योतिष के अनुसार, गुरु वर्तमान में वृषभ राशि में वक्री है और 16 नवंबर को शनि के साथ कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इन दो ग्रहों के परिवर्तन कुछ राशियों के लिए बहुत ही शुभ फल प्रदान करेंगे।

शनि का गोचर और गुरु की वक्री चाल मेष राशि के जातकों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। इस दौरान काम के सिलसिले में आपको बार-बार दूर की यात्रा करनी पड़ सकती है। धन लाभ होगा। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होंगे। परिवार में भी सुख-शांति बनी रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। मनचाही सफलता करियर में मिल सकती है। सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। 

वृषभ राशि वालों के लिए शनि का गोचर और गुरु की वक्री चाल अनुकूल रहेगी। इस दौरान आपको सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। इस अवधि में समस्याओं का समाधान होगा। इस राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। कर्ज उतारने में मदद मिलेगी। वाहन, संपत्ति खरीदने की इच्छा पूरी होगी। धार्मिक स्थलों की यात्रा करेंगे। परिवार में खुशियां आएंगी। समाज में मान-सम्मान मिलेगा। तनाव दूर करने में मदद मिलेगी, संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा। फंसा हुआ धन वापस मिलेगा। गुरु की कृपा से धन संचय करने से लाभ होगा।

कर्क राशि वालों के लिए शनि का गोचर और गुरु की वक्री चाल बहुत लाभकारी रहेगी। इस दौरान आर्थिक स्थितियां मजबूत होंगी। बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी। आपको करियर और बिजनेस में सफलता मिलेगी। नई नौकरी की तलाश में लगे लोगों को फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा। दांपत्य जीवन में खुशी के पल बिताएंगे। परिवार के सदस्यों के साथ संबंध मजबूत होंगे। नौकरीपेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। कार्यस्थल पर आपको नई जिम्मेदारियां मिलेंगी। धार्मिक यात्रा स्थलों के दर्शन होंगे।