Shani Ki Sade Sati Dhaiya Kis Rashi Par Hai 2026: साल 2026 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या किन राशियों पर रहेगी और कब खत्म होगी। जानिए किन्हें सतर्क रहने की जरूरत है और साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से बचने, शनि देव को खुश करने के आसान उपाय।

2026 Me Shani Ki Sade Sati Dhaiya Kis Rashi Par Hai: साल 2026 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ज्योतिष के अनुसार नए साल में शनि का प्रभाव कई राशियों पर बना रहेगा। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर ऐसी राशिवालों के जीवन के कई क्षेत्रों में दिखाई दे सकता है, इसलिए सही उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। जानिए, नए साल में शनि किन राशियों पर अपनी टेढ़ी नजर रखेंगे, जिन्हें सतर्क रहने की जरूरत है और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से बचने के आसान उपाय क्या हैं।

साल 2026 में किस राशि पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और किस पर ढैय्या का असर, कब होगा खत्म

शनि हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं। जब भी शनि राशि परिवर्तन करते हैं, तो कुछ राशियों पर साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव पड़ता है। इसका असर व्यक्ति के जीवन में कई तरह से दिखाई देता है, जैसे काम में रुकावट, मानसिक तनाव, धन संबंधी परेशानियां या रिश्तों में खटास। साल 2026 में शनि राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। इस वजह से पांच राशियों पर शनि की टेढ़ी नजर बनी रहेगी। इस अवधि में इन राशियों के जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है। कई बार ऐसा लगेगा कि मेहनत का फल देर से मिल रहा है या योजनाएं बार-बार बदल रही हैं। जिन राशियों पर साल 2026 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या रहेगी, उनमें हैं-

  • कुंभ राशि: अंतिम चरण की साढ़ेसाती- 3 जून, 2027 को पूरी तरह खत्म होगी।
  • मीन राशि: दूसरे चरण की साढ़ेसाती- 8 अगस्त 2029 को पूरी तरह खत्म होगी।
  • मेष राशि: पहले चरण की साढ़ेसाती- 30 मई 2032 को पूरी तरह खत्म होगी।
  • सिंह राशि: ढैय्या- 3 जून 2027 को खत्म होगी।
  • धनु राशि: ढैय्या- 23 फरवरी 2028 को खत्म होगी।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से बचने के आसान उपाय

  • श्री हनुमान चालीसा का पाठ: शनि का असर कम करने का सबसे असरदार तरीका है हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ। सुबह या शाम इसका पाठ करने से मानसिक स्थिरता और आत्मबल दोनों बढ़ते हैं। हनुमान जी के भक्तों पर शनि का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
  • हनुमान मंदिर जाएं: मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाएं। सरसों, तिल या घी के तेल का दीपक जलाएं और 11 बार 'ऊँ हनुमते नमः' का जाप करें।
  • दान करें: जरूरतमंदों को काला कपड़ा, उड़द की दाल, तिल या लोहा दान करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • शनिवार को शनि मंदिर जाएं: हर शनिवार शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें और सरसों का तेल अर्पित करें या सरसों के तेल का दीया जलाएं।
  • पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें: पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और हर शनिवार शाम को सरसों के तेल का दीया जला कर पेड़ के नीचे रखें।