Amitabh Budholiya

बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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Exclusive: जिस महल को डायरेक्टर ने किया रिजेक्ट, जानिए फिर वहीं क्यों बना 'दुर्गामती' का 45 फीट ऊंचा सेट

Dec 11 2020, 11:07 AM IST

भोपाल, मध्य प्रदेश. 11 दिसंबर को अमेजॉन प्राइम पर रिलीज भूमि पेडनेकर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'दुर्गामती' साउथ की सुपरहिट फिल्म 'भागमती' का रीमेक है। लेकिन दोनों के फिल्मांकन (सिनेमाटोग्राफी, आर्ट एंड क्राफ्ट आदि) में जमीन-आसमान का अंतर है। भागमती में अनुष्का शेट्टी लीड रोल में थीं। उनकी डेट को लेकर कोई अड़चन पैदा न हो, इसलिए इसमें आर्ट एंड क्राफ्ट पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया था। फिल्म में  विजुअल इफेक्ट्स ( Visual Effects) यूज किए गए थे। जबकि 'दुर्गामती' में 45 फीट ऊंचा भव्य सेट तैयार किया गया। यह फिल्म भूमि पेडनेकर के अलावा इस प्रोजेक्ट से जुड़े तमाम लोगों के करियर को एक अलग दिशा देगी। आपको बता दें कि इस फिल्म के लिए भोपाल के इस्लामनगर स्थित महल में भव्य सेट तैयार किया गया था। लेकिन इससे पहले जब फिल्म के डायरेक्टर जी. अशोक भोपाल में रेकी करने आए, तब उन्होंने यह जगह रिजेक्ट कर दी थी। लेकिन जब तारिक उमर खान बतौर प्रोजेक्ट डिजाइनर (आम भाषा में आर्ट डायरेक्टर) इससे  जुड़े, तब उन्होंने इस्लामनगर को सेट के लिए सबसे बेहतर जगह बताया। आखिर में यहीं फिल्म के मुख्य दृश्य शूट किए गए। जब फिल्म बनकर तैयार हुई, तो डायरेक्टर जी. अशोक के अलावा प्रोड्यूसर विक्रम मल्होत्रा और भूमि पेडनेकर हैरान रह गए। शूटिंग के दौरान भूमि तो एक बार रो पड़ी थीं। पढ़िए फिल्म के प्रोडक्शन डिजाइनर तारिक उमर की जुबानी...

बेटी की विदाई के बारे में सोचकर पिता इतना हुआ भावुक कि शादी से एक दिन पहले आ गया हार्ट अटैक

Dec 07 2020, 03:48 PM IST

वेरावल, गुजरात. बेटी की विदाई मां-बाप के लिए बेहद भावुक करने वाला पल होता है। लेकिन यहां एक पिता को हार्ट अटैक आ गया। उसकी बेटी की शादी के एक दिन पहले मौत हो गई। सोमवार को बेटी की शादी थी। बेटी ने मेहंदी लगने हाथों से पिता की अर्थी को कंधा दिया। मृतक के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उसने छोटे भाई की लड़की को गोद लिया था। 62 वर्षीय अशोकभाई तन्ना कीटनाशक दवाइयों के व्यापारी थे। वे वेरावल के बिहारीनगर इलाके में रहते थे। आयुषी ने ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी डोली उठने से पहले पिता की अर्थी उठेगी। अशोकभाई कई दिनों से बेटी की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

धोनी को पहली नौकरी देने वाले मेंटर देवल सहाय नहीं रहे, जानिए कौन थे ये

Nov 24 2020, 02:13 PM IST

रांची, झारखंड. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मेंटर देवल सहाय नहीं रहे। 73 वर्षीय सहाय का मंगलवार सुबह मेडिका अस्पताल में निधन हो गया। वे तीन महीने से बीमार थे। सहाय झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष भी रहे थे। उन्होंने 1997-98 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के निदेशक रहते हुए धोनी को स्टाइपेंड पर रखा था। धोनी की बायोपिक में देवल सहाय के बारे में बताया गया कि उनकी वजह से ही धोनी क्रिकेट की ऊंचाइयों तक पहुंचे। सहाय ने खेल प्रशासक रहते हुए रांची में क्रिकेट का एक जबर्दस्त माहौल बना दिया था। इनके मार्गदर्शन में धोनी के अलावा प्रदीप खन्ना, आदिल हुसैन, अनवर मुस्तफा, धनंजय सिंह, सुब्रत दा, संजीव सिन्हा, राजीव कुमार राजा, सरफराज अहमद समेत कई क्रिकेटरों ने झारखंड का नाम रोशन किया। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

जुगाड़ से कमाल: बच्चे जब रूठ गए, तो पिताओं ने कबाड़ से बना दीं ये वंडर कारें

Nov 15 2020, 11:01 AM IST

पुणे/हजारीबाग. कबाड़ की जुगाड़ से बहुत कुछ बनाया जा सकता है। इन दो पिताओं ने देसी जुगाड़ से अपने बच्चों के लिए खिलौना कार बना दी। देसी जुगाड़ के इन आविष्कारों ने न सिर्फ 'मेड इन इंडिया' को बढ़ावा दिया, बल्कि चीनी खिलौनों के बहिष्कार को भी बल दिया। एक मामला पुणे से जुड़ा है, जबकि दूसरा झारखंड के हजाीबाग से। बता दें कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर दिया था। यानी इसमें चीनी खिलौनों के बजाय स्वेदशी खिलौनों तैयार करने की बात छुपी हुई थी। आइए जानते हैं इन पिताओं की कहानी, जिन्होंने बच्चों के लिए जुगाड़ से कारें बना दीं..