याचिका दाखिल करने वाले हाजी महबूब अहमद ने कहा है कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है। लेकिन उन 32 लोगों को बरी किया जाना गलत था। वह इसके हकदार नहीं थे। उन्होंने कहा कि उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए था, फिर भी छोड़ दिया गया। इसलिए मुकदमा दायर किया गया है। अब फिर से बहस होगी, आगे अदालत के ऊपर है।