वाराणसी में डायबिटीज के खतरों और इलाज पर एक इंटरनेशनल सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें बताया गया कि टाइप टू डायबीटिज का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह लेट डिटेक्ट होता है। इंसुलिन सीक्रेट करने वाली 60% कोशिकाएं जब मर जाती हैं, तब हमें पता चलता है कि डायबीटिज हो गया है। इसलिए शुगर के लक्षणों पर नजर रखें। बहुत बारीकी से बॉडी में आ रहे बदलाव को समझते रहें।