Budh Pradosh December 2022: साल 2022 का अंतिम प्रदोष व्रत 21 दिसंबर, बुधवार को किया जाएगा। बुधवार को होने से ये बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन और भी कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
Hindu Tradition: हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं, इनमें अंतिम संस्कार भी एक है। अंतिम संस्कार में अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है। हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करना मना है। इससे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
Aaj Ka Panchang: 22 दिसंबर, गुरुवार को ज्येष्ठा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा शूल और गण्ड नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन बनेंगे। राहुकाल दोपहर 01:44 से 03:03 तक रहेगा।
Paush Amavasya 2022: 23 दिसंबर को साल 2022 की अंतिम अमावस्या तिथि रहेगी। शुक्रवार को होने से ये तिथि और भी खास हो गई है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। ये दिन पितृ तर्पण के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए भी शुभ रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 23 दिसंबर शुक्रवार को मूल नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन बनेंगे। राहुकाल सुबह 11:06 से 12:25 तक रहेगा।
Paush Amavasya 2022: इस बार पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर, शुक्रवार को है। ये तिथि बहुत ही खास है। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते ये दिन पितृ तर्पण और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए बहुत ही शुभ रहेगा।
Mahabharata: महाभारत की कथा जितनी विचित्र है, उतनी ही रोचक भी है। लेकिन अधिकांश लोग इस कथा के बारे में पूरी बात नहीं जानते। अर्जुन इस कथा के प्रमुख पात्रों में से एक थे, लेकिन अर्जुन के कितने पुत्र थे, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं।
Aaj Ka Panchang: 24 दिसंबर, शनिवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा वृद्धि, ध्रुव और त्रिपुष्कर नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन बनेंगे। राहुकाल सुबह 09:47 से 11:07 तक रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 25 दिसंबर, रविवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मूसल और उसके बाद श्रवण नक्षत्र होने के गद नाम के 2 अशुभ योग दिन रहेंगे। इनके अलावा व्याघात और हर्षण नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल दोपहर 04:24 से 05:44 तक रहेगा।
Christmas 2022: दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। ये फेस्टिवल प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये ईसाइ समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन चर्च में विशेष आयोजन भी किए जाते हैं।