सार

वर्तमान में देश में जो पेट्रोल मिलता है, उसमें सिर्फ 10 फीसदी तक ही इथेनॉल होता है। अब देश के 11 शहरों में 20 फीसदी इथेनॉल वाला पेट्रोल मिलेगा। इथेनॉल को बायोमास से बनाया जाता है। इथेनॉल ज्यादातर कॉर्न और गन्ने की फसल से बनाया जाता है।

ऑटो डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कर्नाटक दौरे पर हैं। बेंगलुरू में होने वाले Indian Energy Week 2023 के उद्घाटन के साथ पीएम ने देश के 11 शहरों में E-20 पेट्रोल की शुरुआत भी की है। इस पेट्रोल में 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मौजूद है। आइए जानते हैं क्या है E-20 पेट्रोल, इसमे इथेनॉल (ethanol) मिलाने से क्या होगा फायदा और किन गाड़ियों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

E-20 पेट्रोल क्या है?

E-20 में ई का मतलब है इथेनॉल. E-20 का मतलब है पेट्रोल में इथेनॉल की 20 प्रतिशत मात्रा। मात्रा के हिसाब से इथेनॉल का हिस्सा भी बढ़ता जाएगा। बता दें कि वर्तमान में देश में जो पेट्रोल मिलता है, उसमें सिर्फ 10 फीसदी तक ही इथेनॉल होता है। अब देश के 11 शहरों में 20 फीसदी इथेनॉल वाला पेट्रोल मिलेगा। इथेनॉल को बायोमास से बनाया जाता है। इथेनॉल ज्यादातर कॉर्न और गन्ने की फसल से बनाया जाता है। भारत में इन फसलों की खेती बड़े स्तर पर होती है। ऐसे में ऑटोमोबाइल के लिए बड़े लेवल पर इथेनॉल देश में ही तैयार किया जा सकेगा।

E-20 पेट्रोल के फायदे

  1. इथेनॉल इको-फ्रेंडली फ्यूल है. यह अल्कोहल बेस्ड होता है. इस फ्यूल से पर्यावरण को कई तरह के नुकसान से बचाया जा सकता है.
  2. एथेनॉल का ऑक्टेन नंबर ज्यादा होता है. यही कारण है कि इसे गाड़ियों और पर्यावरण के लिए बेहतर माना जाता है. जब पेट्रोल को इथेनॉल के साथ यूज करते हैं तो 35 प्रतिशत तक कार्बन-मोनो-ऑक्साइड कम उत्सर्जित होता है। सल्फर-डाई-ऑक्साइड भी कम निकलता है।
  3. पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से कार्बन उत्सर्जन कम तो होता ही है जलवायु परिवर्तन के खतरों को भी रोकने में हो सकता है। एथेनॉल देश में ही तैयार हो रहा है। आयात घटने से सरकार की आय बढ़ेगी।
  4. सरकार बढ़ावा दे रही है कि किसान एथेनॉल बनाने का काम शुरू करें। गन्ने की खेती करने वाले किसानों को इसका फायदा मिल रहा है। आगे इसे और भी बढ़ने की संभावना है। जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी।
  5. अगर इथेनॉल को सरकार इसी तरह बढ़ावा देती रही तो सरकार के खर्च में कटौती हगी, तेल का आयात कम होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से केंद्र सरकार को 41 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। इसके साथ ही 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन भी घटा है।

E-20 पेट्रोल का फायदा इन वाहनो को होगा

देश में इस वक्त E-20 पेट्रोल से चलने वाली कारों की संख्या कम है। हुंडई क्रेटा, वेन्यू और एल्सेजर SUVs जैसी गाड़िया E-20 पेट्रोल से चल सकती हैं। इसी साल जनवरी में आयोजित ऑटो एक्सपो-2023 में टाटा मोटर्स ने अपने दो नए टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन शोकेस किए थे। हैरियर और सफारी एसयूवी में जल्द ही E-20 फ्यूल इंजन के साथ आने की बात कही गई है। अप्रैल, 2023 तक महिंद्रा, मारुति सुजुकी, किआ और दूसरे ब्रैंड भी इसी फ्यूल से चलने वाली गाड़ियां तैयार करेंगी।

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