सार
स्टार रेटिंग से पता चलता है कि कोई कार कितनी सुरक्षित है। सेफ्टी रेटिंग्स का इस्तेमाल कर कस्टमर्स आसानी से दूसरी कारों से इसकी तुलना कर सकते हैं। जिससे अच्छी और मजबूत कार खरीदने में उनकी मदद हो सकेगी।
ऑटो डेस्क : देश की कारों पर अब ग्लोबल नहीं बल्कि देसी सेफ्टी रेटिंग होगी। भारत सरकार कारों को सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। 22 अगस्त यानी आज केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भारत एनसीएपी (Bharat NCAP) लॉन्च करने जा रहे हैं। देश में बनने वाली सभी पैसेंजर वेहिकल्स को नए सेफ्टी नियमों का पालन करना पड़ेगा। इसी साल अक्टूबर से नया सेफ्टी नियम लागू कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है भारत NCAP, इसके आने से आपको क्या फायदा होगा...
भारत NCAP का उद्देश्य
केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने इस प्रोग्राम की जानकारी देते हुए बताया, 'भारत एनसीएपी लागू करने का उद्देश्य देश में बिकने वाली सभी कारों का सेफ्टी स्टैंडर्ड बढ़ाना है। इससे कारें और भी ज्यादा सुरक्षित होंगी। इसका फायदा होगा कि एक्सीडेंट होने पर गंभीर घायलों की संख्या में कमी आ सकती है।' उन्होंने बताया कि 'Bharat NCAP के तहत 3.5 टन तक के पैसेंजर वेहिकल्स का क्रैश टेस्ट होगा।'
Bharat NCAP कैसे देगा रेटिंग
ग्लोबल एनसीएपी की तरह ही भारत NCAP में भी कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें कई स्टैंडर्ड पर रेटिंग दी जाएगी। कार निर्माता कंपनी अपनी मर्जी से मोटर वाहन उद्योग मानक (AIS) 197 के तहत कारों की टेस्टिंग करवा सकते हैं। टेस्टिंग के बाद कारों को एडल्ट ऑक्यूपेंट (AOP) और चाइल्ड ऑक्यूपेंट (COP) सेफ्टी के लिए स्टार रेटिंग मिलेगी। इससे कस्टमर्स को सेफ्टी देखते हुए कारों को खरीदने में मदद मिलती है।
कार सेफ्टी से बढ़ेगी पैसेंजर की सुरक्षा
बता दें कि अभी ज्यादातर कार कंपनियां अपनी कारों की सेफ्टी टेस्ट के लिए ग्लोबल NCAP पर निर्भर हैं। भारत एनसीएपी के आने से देश में बनने वाली कारों की टेस्टिंग यहीं हो सकेगी। भारतीय कस्टमर्स को इसका फायदा मिलेगा। ग्लोबल लेवल पर भी भारतीय कारों की डिमांड बढ़ने और नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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