सार
इस बार चुनाव के लिए बने गठबंधनों में कई पुराने दल बाहर हुए हैं तो नए दलों की एंट्री हुई है। दलों के आने जाने की वजह से कई पार्टियों को अपनी मौजूदा सीटें भी छोड़नी पड़ी हैं। इस वजह से कई मौजूद विधायकों के टिकट कट गए हैं।
पटना। बिहार में विधानसभा का चुनाव (Bihar Polls 2020) तीन चरणों में कराए जा रहे हैं। पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया 8 अक्तूबर को खत्म हो रही है। इस बीच एक दो को छोड़कर लगभग सभी दलों ने उम्मीदारों के नाम का ऐलान कर दिया है। इस बार चुनाव के लिए बने गठबंधनों में कई पुराने दल बाहर हुए हैं तो नए दलों की एंट्री हुई है। दलों के आने जाने की वजह से कई पार्टियों को अपनी मौजूदा सीटें भी छोड़नी पड़ी हैं। इस वजह से कई मौजूद विधायकों के टिकट कट गए हैं।
टिकट कटने से विधायक और नेता दुख और अवसाद में हैं। लालू यादव (Lalu Yadav) की आरजेडी (RJD) के सीटिंग विधायक को हार्ट-अटैक तक आ गया। दरअसल, 2015 में आरा सदर से आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अनवर आलम (Anwar Alam) की तबियत अचानक बिगड़ गई। मंगलवार को उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
टिकट कटने का लगा सदमा
महागठबंधन (Mahagathbandhan) में वाम दलों के आने के बाद आरा सदर की सीट सीपीआई एमएल (CPI ML) के कोटे में चली गई है। इसी वजह से आरजेडी विधायक को यहां से टिकट नहीं मिल पाया। जानकारी के मुताबिक टिकट कटने की सूचना मिलने के बाद से ही अनवर आलम काफी निराश और परेशान थे। हार्ट अटैक के बाद उनकी तबियत और खराब हो गई। हालांकि सही समय पर अस्पताल में ले जाने के बाद अब उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। अनवर ने बीजेपी (BJP) उम्मीदवार को हराकर आरा सदर की सीट हासिल की थी।
नीतीश ने नहीं निभाया अपना वादा
उधर, कैमूर में जेडीयू (JDU) के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह (Pramod Kumar Singh) ने भी विधानसभा टिकट के लिए दावेदारी ठोकी थी। लेकिन पार्टी लिस्ट में उनका कहीं नाम नहीं था। पत्रकारों से बातचीत के दौरान वो टिकट कटने की बताते-बताते फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने दावा किया कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उन्हें टिकट देने का भरोसा दिया था। प्रमोद अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे।