सार

हाथी जिधर से गुजर रहा था, लोग शोर सुन घरों से दूसरी तरफ भाग रहे थे। गांव में अफरा-तफरी थी। हर कोई अपनों को आगाह कर रहा था। गांव वाले सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे थे। हर कोई डरा-सहमा हुआ था।

पूर्वी चंपारण : बिहार (Bihar) के मोतिहारी (Motihari) में एक हाथी के गुस्से ने गांव वालों के पसीने छुड़ा बेकाबू हाथी ने तुरकौलिया में जमकर उत्पात मचाया। हाथी मदमस्त चाल से दलित बस्ती में कई घरों को तहस-नहस कर दिया। कई हैंडपंप अपनी सूंड से पकड़कर उखाड़ दिए और उन्हें दूर फेंक दिया। इतना ही नहीं उसने अपने महावत को भी पटक-पटकर मार डाला। हाथी जिधर भी निकलता लोग उधर से भागते दिखाई दे रहे थे। गांव में हड़कंप मच गया। कई घंटों बात पुलिस और अन्य कई महावत की मदद से किसी तरह उसे काबू में लाया गया। इसके बाद गांव वालों की सांस में सांस आई। 

महावत की जमीन पर पटका
पिपरा थाना क्षेत्र के शरीयत पुर का रहने वाले अनिल ठाकुर के हाथी को उनका महावत तुरकौलिया थाना क्षेत्र लाया हुआ था। तभी अचानकर हाथी पागल हो गया। काफी देर तक महावत उसे काबू में करने की कोशिश करता रहा लेकिन हाथी का गुस्सा भड़ गया और उसने महावत को उठाकर जमीन पर इतनी जोर से पटका कि उसकी वहीं मौत हो गई। इसके बाद हाथी वहां से दौड़ता हुआ सपही सिसवा गांव में घुस गया। हाथी को देख चारों तरफ हड़कंप मच गया। हाथी के सामने जो भी घर आए, हैंडपप आया उसे वह तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगा। जो भी सामने आया हाथी उसे कुचलता गया। लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर भागने लगे।

पुलिस और छह महावत ने काबू किया
इस बीच गांव में किसी ने पुलिस को इसकी खबर दी। पुलिस अपने साथ कई और महावत वहां लेकर पहुंची। इसके बाद पुलिस ग्रामीणों की मदद से किसी तरह हाथी को बहकाकर खेतों की ओर ले गई, जहां पर कोई नहीं था। खेत में महावत दिलीप यादव ने अपने छह साथियों के साथ मिलकर किसी तरह हाथी को कंटोल में लिया। उसके बाद उसे गांव से बाहर ले जाया गया। हाथी का खौफ अभी भी ग्रामीणों में बना हुआ है। वे काफी डरे-सहमे दिखाई दे रहे  हैं।

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