सार
मंत्री कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) ने इस्तीफा दे दिया है। आपराधिक मामले में आरोपी होने के चलते वह विपक्ष के निशाने पर हैं। उन्हें पहले कानून मंत्री बनाया गया था। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री ने कानून मंत्रालय से हटाकर गन्ना उद्योग मंत्री बनाया था।
पटना। मंत्री कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें पहले कानून मंत्री बनाया गया था, लेकिन आपराधिक मामले में आरोपी होने के चलते इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद बुधवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे कानून मंत्रालय ले लिया और गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बना दिया था।
विभाग में हुए बदलाव से नाराज कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने मंत्री के इस्तीफा को राज्यपाल को भेज दिया है। दरअसल, बिहार में नीतीश कुमार के द्वारा एनडीए से गठबंधन तोड़ने और आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद मंत्री बनाए गए कार्तिक कुमार विपक्ष के निशान में थे।
कार्तिक के शपथ लेने के साथ ही विवाद शुरू हो गया था। बीजेपी का आरोप था कि जिस दिन कार्तिक कुमार शपथ ले रहे थे, उसी दिन अपहरण के एक केस में उनको दानापुर के कोर्ट में पेश होना था। हालांकि इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम ने सफाई दी थी, लेकिन विपक्ष लगातार हमलावर रहा।
यह भी पढ़ें- बिहार के बाद अब इस पूर्वोत्तर राज्य में BJP सरकार को झटका देंगे नीतीश कुमार, जदयू करेगा समर्थन वापसी का ऐलान
कई थानों में दर्ज हैं केस
बता दें कि कार्तिक कुमार पर कई थानों में केस दर्ज में हैं। हालांकि उन्हें अभी तक किसी भी मामले में कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया है। दरअसल, कारोबारी राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी। इस मामले में कार्तिक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है। बिहार के मंत्री कार्तिक कुमार बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं। सियासत में आने से पहले कार्तिक कुमार स्कूल में टीचर थे। यही वजह रही कि उनके समर्थक उन्हें कार्तिक मास्टर के नाम से बुलाते हैं। वे मोकामा के रहनेवाले हैं उनकी पत्नी गांव में दो बार मुखिया भी रही हैं। कहा जाता है कि अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए कार्तिक कुमार को MLC का चुनाव जिताया था।
यह भी पढ़ें- AAP ने किया CBI ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन, कहा- भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' की हो जांच