सार
27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान थाने में केस दर्ज की गई थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2013 को NIA ने मोर्चा संभाला। इस मामले के 5 आरोपियों को पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है।
पटना : 2013 में पटना के गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने बुधवार को 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया जबकि एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है उनमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मुजीब उल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और अगर उद्दीन कुरैशी शामिल है। मोहम्मद फखरुद्दीन को सबूतों की कमी के आधार पर बरी कर दिया गया।
घटना कब की है, क्या हुआ था?
घटना 27 अक्टूबर 2013 की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली बुलाई थी। उससे भी खास ये कि इस रैली में उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आने वाले थे। मोदी को सुनने के लिए रात से ही लोगों की भीड़ पटना में जुटने लगी थी। मंच तैयार था। भीड़ इंतजार कर रही थी कि तभी सुबह करीब साढ़े 9 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 के बाथरूम में धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि लोग सहम गए। इसमें एक आतंकी की मौत हो गई। जबकि, दूसरा आतंकी इम्तियाज अंसारी भागने के क्रम में पकड़ा गया। पुलिस के वरीय अधिकारी जांच के लिए जंक्शन पहुंचे। आगे रैली स्थल पर नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं के भाषण के बीच एक-एक कर 6 विस्फोट हुए।
मंच पर बीजेपी नेता और मैदान में धमाके
अभी जंक्शन पर जांच चल ही रही थी कि करीब 11:40 बजे के आसपास गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास दूसरा बम विस्फोट हुआ। इस बीच मंच पर बीजेपी के कई बड़े नेता पहुंच चुके थे। भाषण शुरू था। मैदान में लाखों की भीड़ जमा थी। लोगों को लगा कि समर्थक उत्साह में पटाखे फोड़ रहे हैं। इसके बाद अगले एक घंटे के बीच तीसरा बम रीजेंट सिनेमा के पास, चौथा बम गांधी मैदान के अंदर महात्मा गांधी की पुरानी प्रतिमा के पास, 5वां बम गांधी मैदान के बाहर ट्विन टावर के पास, 6वां बम स्टेट बैंक के पास और 7वां बम गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रेन पार्क के पास हुआ।
मना करने के बावजूद आए मोदी
दोपहर साढ़े 12 बजे तक पटना जंक्शन और गांधी मैदान के आसपास आधा दर्जन बम विस्फोट हो चुके थे। बावजूद भीड़ मोदी को सुनने के लिए गांधी मैदान में जमा थी। इस बीच दोपहर 12 बजकर 32 मिनट में नरेंद्र मोदी विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचे। वहां सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने उन्हें बम विस्फोट की जानकारी दी और गांधी मैदान न जाने की सलाह भी। हालांकि, नरेंद्र मोदी ने रैली में जाने का निश्चय किया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से उनके मंच पर जाने का कार्यक्रम थोड़ा देरी से शुरू किया गया। इस बीच धमाकों के बावजूद मैदान गांधी मैदान में डटी रही। इसके बाद नरेंद्र मोदी मंच पर आए और अपना भाषण दिया।
विस्फोट कब और कहां हुए
पहला विस्फोट - सुबह 9:30 बजे - पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म - 10 के शौचालय में
दूसरा विस्फोट - सुबह 11:40 बजे - गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास
तीसरा विस्फोट - दोपहर 12:05 बजे - गांधी मैदान के बाहर रीजेंट सिनेमा के पास
चौथा विस्फोट - दोपहर 12:10 बजे - गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
पांचवां विस्फोट - दोपहर सवा 12 बजे - गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास
छठा विस्फोट - दोपहर 12:20 बजे - गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से में स्टेट बैंक के पास
सातवां विस्फोट - दोपहर पौने एक बजे - गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रेन पार्क के पास
इस ब्लास्ट केस की जांच
गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में 27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2013 को NIA ने केस संभाला और एक नवंबर को दिल्ली NIA थाने में इसकी फिर से केस दर्ज की गई। इसमें नाबालिग समेत 12 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उनमें एक की मौत इलाज के दौरान ही हो गई थी। वहीं जुवेनाइल बोर्ड द्वारा नाबालिग आरोपित को पहले ही तीन साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
5 आरोपी को हो चुकी है उम्रकैद
इस मामले में आरोपित पांच आतंकियों को अन्य मामले में पहले ही उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है। इसमें उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, फिरोज आलम उर्फ पप्पू, नुमान अंसारी, इफ्तिखार आलम, हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो. मोजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम शामिल हैं। इनमें से इम्तियाज, उमेर, अजहर, मोजिबुल्लाह और हैदर की बोध गया सीरियल बम ब्लास्ट में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है।
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