सार
सहनी के तीन विधायक स्वर्णा सिंह, मिश्रीलाल यादव और राजू सिंह बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए थे। VIP के विधानसभा में एक भी विधायक नहीं रह गए हैं। अटकलें यह भी लगने लगीं कि सहनी पशुपालन मंत्री का पद छोड़ सकते हैं।
पटना : बिहार (Bihar) में इन दिनों सियासी उठापटक खूब देखने को मिल रही है। बुधवार को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के तीनों विधायक पार्टी छोड़ बीजेपी (BJP) में चले गए तो अटकलें लगनी लगी कि पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) का मंत्री पद भी जा सकता है। हालांकि गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सहनी ने मंत्री पद छोड़ने से इनकार कर दिया। इस बीच पटना स्थित सरकारी आवास से उनका नेम प्लेट गायब हो गया है। सोशल मीडिया पर ऐसी भी खबरें हैं कि वे अपना बंगला खाली करने जा रहे हैं। वैसे जिस बंगले में मुकेश सहनी रहते हैं, वहां की कहानी भी अजीबो-गरीब है। इस बंगले में रहने वाले मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि जल्द ही वीआईपी प्रमुख को भी अपना पद गंवाना पड़ सकता है।
बंगला नं. 6, जो भी रहा, उसकी गई कुर्सी
पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी फिलहाल पटना के छह नंबर के सरकारी बंगले में रहते हैं। कहा जाता है कि इस बंगले में जो भी मंत्री रहता है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। यहां रहने वाले तीन मंत्री अब तक बीच में ही पद छोड़ चुके हैं। साल 2010 में इस बंगले का आवंटन जेडीयू नेता और तत्कालीन उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा को किया गया था, लेकिन रिश्वतखोरी के एक मामले में उनका नाम आ गया और कार्यकाल से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा।
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इनको भी गंवाना पड़ा पद
साल 2015 की बात है RJD और JDU ने मिलकर सरकार बनाई। यह बंगला सहकारिता मंत्री आलोक मेहता को सौंपी गई। करीब डेढ़ साल के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस कारण से आलोक मेहता को मंत्री पद गंवाना पड़ा। मंत्री मंजू वर्मा बाद में इसी आवास में रहीं लेकिन वे भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और अब यह बंगाल मुकेश सहनी के पास है। जिसना भी पद जाना लगभग तय माना जा रहा है।
क्या आवास खाली करेंगे सहनी
इस बंगले से सहनी के नेम प्लेट गायब होने के बाद चर्चा है कि वे जल्द ही आवास छोड़ सकते हैं हालांकि इसकी संभावना न के बराबर ही है। अगर वे मंत्री पद से इस्तीफा भी देते हैं तो छह महीने तक किराया देकर इस आवास पर रह सकते हैं। गुरुवार को उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए मंत्री पद छोड़ने से इनकार कर दिया था और गेंद नीतीश कुमार के पाले में डाल दी थी।
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