सार

सियासी घटनाक्रम में आरेजडी नेता तेजस्वी यादव वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। जदयू ने सभी विधायकों और सांसदों की मीटिंग बुलाई है। बीजेपी ने फिलहाल इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। नीतीश के एनडीए से अलग होने की अटकलें हैं। 

पटना. बिहार में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। हालांकि अभी तक बीजेपी और जदयू का गठबंधन टूटने की कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। लेकिन आने वाले 48 घंटों को अहम माना जा रहा है। जदयू ने अपने सभी सांसद और विधायकों की बैठक बुलाई है। वहीं, दूसरी तरफ के सियासी घटनाक्रम में आरेजडी नेता तेजस्वी यादव वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। तेजस्वी ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। राज्य में हाल के दिनों में कई ऐसे सियासी घटनाक्रम हुए हैं जिनके कारण बिहार में सत्ता परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वो 5 हिंट जिस कारण बिहार में बीजेपी-जदयू गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे हैं। 

आरसीपी सिंह को नोटिस देना
पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बीजेपी नेताओं के साथ नजदीकियां बढ़ने लगी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि वो जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच जदयू ने भ्रष्ट्राचार और अकूल दौलत के संबंध में उन्हें नोटिस जारी किया। जिसका जवाब देने से पहले ही आरसीपी सिंह ने जयदू से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के रिश्ते पहले कभी बहुत गहरे थे। 

पीएम मोदी की बैठक से किनारा
7 अगस्त को दिल्ली में पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम इस बैठक में शामिल हुए लेकिन नीतीश कुमार ने इस मीटिंग से दूरी बनाई। नीतीश के बैठक में शामिल नहीं होने से बीजेपी और जदयू के बीच टकराव की खबरें सार्वजानिक हो गईं। इसके बाद से माना जाने लगा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। 

दिल्ली के कई कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए नीतीश
नीति आयोग की बैठक से पहले नीतीश कुमार बुलावे के बाद भी दिल्ली में आयोजित कई कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में आयोजित भोज में नीतीश कुमार को बुलाया गया था लेकिन वो इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। इससे पहले अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगा अभियान को लेकर सभी राज्यों के सीएम की बैठक आयोजित की गई थी नीतीश कुमार इस बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। 

केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होने का फैसला
बिहार में एनडीए (NDA) के गठबंधन दलों में सब कुछ ठीक नहीं है। इस बात को खुलासा तब हो गया जब जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होगी। बता दें कि मोदी कैबिनेट में इस समय जदयू का एक भी नेता शामिल नहीं है। इससे पहले आरसीपी सिंह केन्द्रीय मंत्री थे लेकिन बीजेपी के उनकी बढ़ती नजदीकी के कारण जयदू ने उनका राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा जिस कारण से उन्हें मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा।

राज्य के बीजेपी नेताओं से बनाई दूरी
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार ने बिहार में बीजेपी के नेताओं से दूरी बना ली है। इस बीच राज्य के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के लिए समय मांगा है। बता दें कि नीतीश कुमार और बीजेपी की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

इसे भी पढ़ें-   बिहार की राजनीति में हो सकता है बड़ा उलटफेर, बीजेपी से नीतीश की नाराजगी के ये हैं 5 कारण 

इसे भी पढ़ें-  नीतीश की 'चाल' से बिहार की पॉलिटिक्स में खलबली, कांग्रेस के MLA करेंगे पटना कूच, ये है वजह