सार

एनआरसी और सीएए के विरोध में 21 दिसंबर को राजद की ओर से बुलाए गए बिहार बंद में छपरा में राबड़ी देवी का पुतला फूंका गया। जानिए राबड़ी देवी से उन्हीं के पार्टी कार्यकर्ता क्यों खफा है। 
 

छपरा। नए नागरिकता कानून और एनसीआर के विरोध में राजद की ओर से बुलाए गए बिहार बंद का पूरे राज्य में असर दिखा। जगह-जगह रोड जामकर, ट्रेन रोककर, दुकानें बद करा कर राजद कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कई जगह हिंसक झड़पें भी हुई। लेकिन राजद परिवार के गढ़ के रूप में मशहूर छपरा जिले में राजद कार्यकर्ताओं ने राबड़ी देवी का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया। छपरा के परसा में राजद के बंद का कोई खास असर नहीं था। यहां के राजद कार्यकर्ताओं ने बंद से खुद को अलग रखा था। उल्टे परसावासियों ने राबड़ी देवी का ही पुतला फूंका। 

राजद का गढ़ रहा है छपरा और परसा 
परसा के राजद कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच चल रही परिवारिक लड़ाई से नाराज थे। कुछ दिन पहले ऐश्वर्या को जिस तरह से राबड़ी देवी के घर से मारपीट कर बाहर निकाल दिया गया था उससे राजद कार्यकर्ताओं में गुस्सा था। इसी के विरोध में उन्होंने राबड़ी देवी का पुतला फूंका। बता दें कि परसा सहित छपरा राजद का गढ़ जैसा रहा है। हालांकि एनडीए के उभार के बाद उनका यह गढ़ हाथ से निकलता जा रहा है। फिर भी अभी परसा से राजद के ही विधायक है और ये विधायक कोई और से लालू प्रसाद यादव के समधी ऐश्वर्या के पिता चंद्रिका राय हैं। 

ऐश्वर्या ने दर्ज कराया है घरेलू हिंसा का मामला
परसा के लोग अपने यहां की बेटी को राजद परिवार में मिल रही दिक्कतों से नाराज थे। बता दें कि बीते रविवार को ऐश्वर्या राबड़ी देवी के घर से रोती हुई निकली थी। बाहर आकर उन्होंने आरोप लगाया था कि राबड़ी देवी ने उनके बाल नोचे, उनके साथ मारपीट की। उन्हें घर से निकाल दिया। मामले में ऐश्वर्या की ओर से राबड़ी देवी, पति तेज प्रताप यादव और ननद मीसा भारती पर दहेज मांगने और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया गया है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है।