सार

बिहार के सीवान जिले से डॉक्टरों की लापरवाही की हद पार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां दर्द से कराहती गर्भवती महिला की गर्दन पकड़कर उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया। चीखती-चिल्लाती महिला ने आखिर में बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।
 

सीवान. बिहार के सीवान जिले से मानवता को शर्मशार करने वाली खबर सामने आई है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों द्वारा किए गए कृत्य से जिले के लोगों में काफी आक्रोश है। जानकारी के अनुसार, सीवान के एक सरकारी अस्पताल में कर्मचारियों ने गर्भवती महिला को भर्ती नहीं लिया। मजबूरन महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। घटना गोरेयाकोठी प्रखंड स्थित जामो बाजार के सरकारी अस्पताल का है। जहां शुक्रवार देर रात एक महिला पीड़ा से कराहती हुई अस्पताल पहुंची थी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक ने महिला को भर्ती नहीं लिया और अस्पतालकर्मियों ने महिला को धक्का देकर बाहर निकाल दिया। जब महिला पीड़ा से कराहती हुई वापस लौट रही थी, इसी दौरान जामो बाजार के दलित बस्ती के पास सड़क पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। पीड़ित महिला गोपालगंज जिले के माझा प्रखंड के पथरा गांव की रहने वाली है।

दो इंजेक्शन के लिए 1000 रुपए
महिला ने बताया कि वह जामो बाजार एलआईसी ऑफिस में किसी काम के सिलसिले में आई थी तभी उसे पीड़ा होने लगा। वह जामो अस्पताल पहुंची। तब अस्पताल की एक महिला आशा ने 1000 रुपये लिए और दर्द कम करने के लिए दो इंजेक्शन लगाए। महिला ने फोन कर अपने पति को बाजार से अस्पताल बुलाने के लिए कहा। इतने में अस्पताल के कर्मचारी महिला से उलझ गए। उसके धक्का देते हुए निकाल दिया। इसके बाद पीड़ा से चीख रही महिला ने सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया। इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में है। मामले की जांच की जा रही है दोषियों पर कार्रवाई होगी।

स्थानीय लोगों ने जताया आक्रोश
जब इस बात की सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो लोगों ने अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा कर हंगामा शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई। साथ ही लोगों ने बताया कि एक गर्भवती महिला के साथ इस तरह की बदसलूकी अस्पताल प्रबंधकों के लिए एक शर्म की बात है।


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