सार

साउथ की मशहूर डायरेक्टर जोड़ी पुष्कर और गायत्री ने बॉलीवुड में डेब्यू कर लिया है। दोनों 2017 में रिलीज हुई अपनी ही तमिल फिल्म 'विक्रम वेधा' का हिंदी रीमेक लेकर आए हैं। अगर आप इस फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं तो यहां जान लीजिए कैसी है यह फिल्म...

एंटरटेनमेंट डेस्क. अंधाधुन चलती गोलियां, स्वैग में वॉक करते सैफ अली खान और फिर तलवार लेकर छत से कूदते ऋतिक रोशन। अगर फिल्म के ट्रेलर में यह सब देखकर आप ने यह अनुमान लगाया कि फिल्म में धड़ाधड़ एक्शन सीन नजर आएंगे, तो आप मयूस हो जाएंगे। यहां एक्शन तो है पर थोड़े अलग ही अंदाज में। पर हां यहां आपको देखने और सुनने को मिलेगी एक जबरदस्त कहानी और एक नए अंदाज में नजर आएंगे बॉलीवुड के ग्रीक गॉड यानी कि ऋतिक रोशन। तो चलिए यह जानने से पहले की फिल्म कैसी है? जान लेते हैं इस फिल्म की कुछ मुख्य बातें....

रेटिंग3.5/5
डायरेक्टरपुष्कर-गायत्री
स्टार कास्टऋतिक रोशन, सैफ अली खान, राधिका आप्टे, रोहित सराफ आदि
प्रोड्यूसरभूषण कुमार, एस शशिकांत आदि
म्यूजिक डायरेक्टरसैम सीएस, विशाल और शेखर
जोनरएक्शन थ्रिलर फिल्म


कहानी
फिल्म शुरू होती है एक एनिमेटेड स्टोरी से जिसमें राजा विक्रमादित्य और बेताल की कहानी सुनाई जाती है। इस कहानी को आवाज दी है एक्टर विजय राज ने। इस छोटी सी कहानी के जरिए निर्देशक बताना चाहता है कि अगले ढ़ाई घंटे तक आप क्या देखने जा रहे हैं। फिल्म शुरू होती है एक ऐसे पुलिस ऑफिसर विक्रम से जो क्रिमिनल्स को पकड़ता है और उनका एनकाउंटर करता है। उसे लगता है कि वो दुनिया से बुरे लोगों को कम करके सही काम कर रहा है। विक्रम दरियादिल भी है और जिन क्रिमिनल्स का एनकाउंटर करता है उनके बच्चों का ख्याल भी रखता है। बहरहाल विक्रम और उसकी टीम का गठन वेधा नाम के कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए किया गया है जिसके ऊपर 16 मर्डर केस दर्ज हैं। इससे पहले कि विक्रम वेधा को पकड़े, वेधा खुद आकर सरेंडर कर देता है और फिर शुरू होता है चूहे बिल्ली का खेल। इस खेल में एक एक करके फिल्म के कई अन्य किरदार शामिल होते चले जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ विक्रम वेधा को तीन बार पकड़ता है और हर बार वेधा उसके कहानी सुनाकर, उसे उलझाकर भाग जाता है। इससे आगे की कहानी समझने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो पूरी फिल्म में ऋतिक रोशन छाए हुए हैं। वे जब-जब स्क्रीन पर आते हैं दर्शकों को मजा आता है। कानपुर और लखनऊ की भाषा पकड़ने से लेकर वेधा के किरदार के अलग-अलग रूप दिखाने तक ऋतिक का काम बेहतरीन है। सैफ अली खान से भी कुछ इसी तरीके के काम की उम्मीद की गई थी पर उनके काम में कुछ नयापन नहीं है। उनका काम बुरा नहीं है पर जिस तरह ऋतिक ने अपने किरदार को लेयर्स के साथ खेला है सैफ वैसा नहीं कर पाए। वे कई जगहों पर एक से ही एक्सप्रेशन में नजर आते हैं। ओवरऑल ऋतिक और सैफ दोनों को एक ही फ्रेम में साथ देखकर मजा तो आता है। दोनों के अलावा राधिका आप्टे हमेशा की तरह अच्छा काम करती नजर आई हैं। रोहित सराफ और योगिता बिहानी के पास करने के लिए जितना काम था उतना उन्होंने अच्छे से किया है। बबलू के किरदार में शारिब हाशमी कहीं-कहीं ओवर एक्टिंग करते नजर आए हैं। बाकी कलाकारों में कोई भी बड़ा नाम नहीं है पर सभी ने अपना किरदार ठीक-ठीक निभाया है। सीनियर पुलिस ऑफिसर के रोल में नजर आए टीवी एक्टर और मशहूर वॉइस ओवर आर्टिस्ट शक्ति सिंह दो सीन में भी अपना कमाल का अभिनय देकर गए हैं।

निर्देशन
बतौर निर्देशक पुष्कर और गायत्री ने जो काम ओरिजिनल 'विक्रम वेधा' में किया था उसे वह इस रीमेक में पूरी तरह से रिपीट नहीं कर पाए। एक ही कहानी को दोबारा पेश करने के लिए जरूरी नहीं कि सभी सीन भी एक जैसे ही हों। कहीं न कहीं विक्रम के साथी कलाकारों की कास्टिंग में भी एक-आध जाना पहचाना चेहरा होना चाहिए था तो फिल्म के हर सीन में ऋतिक की कमी नहीं खलती। फिल्म में पुष्कर-गायत्री ने लखनऊ और कानपुर को बड़े ही अच्छे तरीके से पेश किया है। तंग गलियों में शूट किए गए सीन्स अच्छे बन पड़े हैं। हालांकि, मेकर्स एक्शन के मामले में थोड़ा सा पिछड़ गए पर कुल मिलाकर फिल्म की असली हीरो वही स्टोरी है जिसे पुष्कर और गायत्री ने मिलकर लिखा है। तो यहां दोनों ने डायरेक्शन से ना सही स्टोरी से जरूर फिल्म को संभाल लिया है।

म्यूजिक 
म्यूजिक के नाम पर फिल्म में दो गाने हैं। एक 'अल्कोहलिया' अच्छा गाना है और दूसरा गाना 'बंदे' फिल्म की पूरी थीम को सूट करता है। बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है और कई दृश्यों को मजेदार बनाने में मदद भी करता है।

ओवरऑल कैसी है फिल्म
फिल्म की शुरुआत और डेवलपमेंट काफी स्लो है पर फिल्म शुरू होने के पूरे 21 मिनट के बाद जब ऋतिक रोशन पर्दे पर नजर आते हैं तो जैसे फिल्म में जान आ जाती है। इसके अलावा फिल्म के कुछ दृश्यों को लंबा ना खींचकर अगर सैफ-राधिका और रोहित-योगिता की लव स्टोरी डिवेलप की जाती तो शायद दर्शक इससे और अच्छे से रीलेट कर पाते। यकीनन यह फिल्म पूरी तरह से ऋतिक के कंधों पर सवार है और उन्होंने वेधा के ग्रे किरदार को बखूभी निभाया भी है। कुल मिलकर हम इस फिल्म को साढ़े 3 स्टार देंगे।

क्यों देखें
- एक जबरदस्त कहानी सुनना और देखना चाहते हैं तो जरूर देखें। 
- ऋतिक को एक नए अंदाज में देखने के लिए।
- अच्छाई और बुराई में क्या अंतर होता है वह समझने के लिए।
- ऋतिक और सैफ को एक ही फ्रेम में देखना तो बनता है।

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