सार

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी  की खंडपीठ ने मिर्जापुर निवासी सुजीत कुमार सिंह द्वारा वेब सीरीज, फिल्मों या अन्य कार्यक्रमों के लिए प्री-स्क्रीनिंग कमेटी बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की, ये पिटीशन सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं। 

एंटरटेनमेंट डेस्क, Supreme Court refused Stay on the next season of web series Mirzapur :  सुप्रीम कोर्ट ने वेब सीरीज 'मिर्जापुर' के नेक्सट सीजन पर स्टे नहीं दिया है। न्यायालय ने पिटीशनर को और बेहतर तरीके  से फैक्ट पेश करने को  कहा है। वहीं चीफ जस्टिस ने इस पर भी आश्चर्य जताया कि आखिर किस तरह वेब सीरीज के लिए ‘प्री-स्क्रीनिंग’ कमेटी बनाई जा सकती है। डिवीजन बेच के जजों ने कहा कि यह हमेशा महसूस किया गया है कि ‘प्री-सेंसरशिप’  किस तरह अनमति योग्य हो सकती है। इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह आश्चर्य भी जताया कि डायरेक्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली वेब सीरीज़, फिल्में या अन्य कार्यक्रमों के लिए कोई ‘प्री-स्क्रीनिंग’ कमेटी कैसे हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी  की खंडपीठ ने मिर्जापुर निवासी सुजीत कुमार सिंह द्वारा वेब सीरीज, फिल्मों या अन्य कार्यक्रमों के लिए प्री-स्क्रीनिंग कमेटी बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की, ये पिटीशन सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज  होने वाले कंटेट पर सेंसरशिप के लिए पेश की गई थी। 

कोर्ट ने कहा कि "वेब सीरीज के लिए एक प्री स्क्रीनिंग कमेटी कैसे हो सकती है ? एक विशेष कानून है। जब तक आप यह नहीं कहते कि ओटीटी (ओवर-द-टॉप) भी इसका एक हिस्सा है ... आपको कहना होगा कि मौजूदा कानून ओटीटी पर लागू होना चाहिए। कई सवाल उठेंगे क्योंकि ट्रांसमिशन दूसरे देशों से होता है।"

इंटरनेट बेस्ड ओटीटी प्लेटफॉर्म कैसे लगेगी रोक 
एक ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म एक ऐसी सर्विस है जो किसी भी इंटरनेट बेस्ड डिवाइस पर वीडियो और लाइव स्ट्रीम फ़ीड की डिलीवरी को कैपेविल बनाता है। यह किसी भी तीसरी पार्टी को मंच के बिना दर्शकों को सीधे वीडियो कंटेंट डिस्ट्रीब्यूट और रिलीज़ करने की परमिशन देता है। शीर्ष अदालत ने पॉप्युलर 'मिर्जापुर' वेब सीरीज के तीसरे सीजन पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसकी शूटिंग जारी है।

अदालत ने पहले केंद्र, अमेज़ॅन प्राइम वीडियो और एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से उस पिटीशन पर जवाब मांगा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि 'मिर्जापुर' को गुंडों के शहर के रूप में दिखाया है, इससे शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक छवि को धूमिल किया है।

याचिका में कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज, फिल्म या इस तरह के अन्य कार्यक्रमों की रिलीज से पहले एक सरकारी प्राधिकरण द्वारा प्रमाणीकरण अनिवार्य करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। वहीं पिटीशन में मांग की गई है कि  सरकार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे कंटेंट रिलीज़ करने के लिए नियम और कानून बनाने का निर्देश देने की मांग की  कि इन्हें सेंसर किया जाए।

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