सार

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद  में आम बजट पेश किया। 

बिजनेस डेस्क: केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद  में आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान स्टार्टअप के लिए बड़ा ऐलान किया। सरकार ने टैक्स में छूट का लाभ उठाने के लिए अब स्टार्टअप के लिए इनकॉरपोरेशन दौर को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। साधारण भाषा में समझें तो अब स्टार्टअप को साल 2023 तक टैक्स छूट का लाभ मिलता रहेगा। 

स्टार्ट-अप्स के लिए एक साल और बढ़ी छूट की सीमा 

वित्त मंत्री ने कहा, "पिछले कुछ सालों में देश ने सफल स्टार्ट-अप्स में कई गुना की बढ़ोतरी देखी है। 31 मार्च 2022 से पहले स्थापित योग्य स्टार्ट-अप्स को निगमन के 10 वर्षों में से लगातार तीन वर्षों के लिए टैक्स इंसेंटिव दिया गया था। महामारी को देखते हुए मैं इस तरह के टैक्स इंसेटिंव के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि को अब एक और वर्ष के लिए (31 मार्च 2023) तक बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं।" 

3 साल की अवधि में 100 प्रतिशत टैक्स पर मिलेगी छूट

आपको बता दें कि अब तक 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 के बीच निगमित स्टार्ट-अप्स इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र थे, लेकिन अब सरकार की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में युवा इस योजना का फायदा उठा सकेंगे। आसान भाषा में समझें तो पात्र लोग स्टार्ट-अप्स के 10 साल के संचालन की कुल समय सीमा में 3 साल की अवधि के लिए लिए गए लाभ पर 100 प्रतिशत की टैक्स छूट प्राप्त करने के हकदार होंगे। हालांकि इसके साथ एक शर्त जोड़ी गई है कि वित्तीय वर्ष में कुल वार्षिक कारोबार 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।  

2016 से अब तक 61,400 स्टार्ट-अप्स

भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप्स वाला देश है। साल 2016 से देश में अब तक 56 विभिन्न क्षेत्रों में 61,400 स्टार्ट-अप स्थापित किए गए हैं। जिनसे 6 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इतना ही नहीं इस दौरान देश में 40 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप्स उभरे हैं, जिनमें से प्रत्येक का न्यूनतम बाजार मूल्यांकन 7,400 करोड़ रुपये है। स्टार्ट-अप्स बौद्धिक संपदा संरक्षण कार्यक्रम के माध्यम से, सरकार ने पेटेंट और ट्रेडमार्क से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल और तेज किया है। परिणामस्वरूप, इस वित्तीय वर्ष में लगभग 6,000 पेटेंट और 20,000 से अधिक ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया गया है। 

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