सार

अडाणी एंटरप्राइजेज ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसने कोयला आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं की है।

नई दिल्ली. अडाणी एंटरप्राइजेज ने सोमवार को कहा कि उसने कोयला आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं की है। सीबीआई ने कोयला आपूर्ति के ठेके में कथित अनियमितताओं को लेकर कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। कंपनी ने इसी के मद्देनजर यह सफाई दी है।

सीबीआई ने इस मामले में पिछले सप्ताह प्राथमिकी दर्ज की है। उसने इस मामले में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के पूर्व चेयरमैन विरेंदर सिंह तथा पूर्व प्रबंध निदेशक जी.पी.गुप्ता को नामजद किया है।

बीएसई को दी सफाई में कंपनी ने  कहा

कंपनी ने बीएसई को दी सफाई में कहा, ''इस संदर्भ में यह जान लिया जाये कि यह पुराना मामला है। कंपनी ने प्रक्रियाओं, सभी औपचारिकताओं और संबंधित नियमों का अनुपालन किया है। कंपनी ने कोयले की आपूर्ति में कुछ भी गलत नहीं किया है।''
यह मामला आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन को आयातित कोयले की आपूर्ति के ठेके से जुड़ा है।

भारतीय दंड संहिता के तहत दिए ये दंड

सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है।

साल 2010 में आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन ने किसी भी बंदरगाह से डॉक्टर नरला टाटा राव थर्मल पावर स्टेशन, विजयवाड़ा और रायलसीमा थर्मल पावर संयंत्र, कडपा को 6 लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी। यह बंदरगाह से अंतिम स्टेशन तक कोयला पहुंचाने का ठेका था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)