सार

देश में दूध का जितना उत्पादन नहीं हो रहा है, उससे ज्यादा खपत हो रही है। जाहिर है, इसके लिए बड़े पैमाने पर नकली दूध बनाया जा रहा है। यह दूध खतरनाक और जानलेवा है। इसलिए जरूरी है कि लोग नकली दूध की पहचान कर  बचाव के उपाय करें। 
 

नई दिल्ली। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने खुलासा किया है कि देश में बेचे जाने वाले दूध और दुग्ध उत्पादों का 68 प्रतिशत से अधिक खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करता है। इसे लेकर  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अगर इस तरह की मिलावट की तुरंत जांच नहीं की गई, तो 2025 तक भारत में 87 प्रतिशत लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित होंगे।
 
त्योहारों के समय होती है जबरदस्त मिलावट
त्योहारों के समय जब दूध की मांग बढ़ जाती है तो मिलावट और भी बड़े पैमाने पर होने लगती है। इस दौरान दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद व मिठाइयों का सेवन करना खतरे से खाली नहीं होता। बावजूद पड़े पैमाने पर इनका उत्पादन होता है और लोग जम कर मिठाई खरीदते हैं। आम दिनों में भी डेयरी से या दूसरे घर-घर जा कर दूध बेचने वालों से जो लोग दूध लेते हैं, वह भी मिलावटी होता है। छोटे बच्चों और परिवार के वृद्ध सदस्यों को दूध जरूर दिया जाता है, ताकि उन्हें सही पोषण मिल सके। लेकिन मिलावटी दूध होने के कारण उन्हें नुकसान होता है। यह नुकसान तुरंत नहीं होता, बल्कि मिलावटी दूध में जो धीमा जहर होता है, वह लंबे समय के बाद शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली और क्षमता पर बुरा असर डालता है।

 
कैसे की जाती है दूध में मिलावट
पहले दूध की मात्रा बढ़ा देने के लिए उसमें पानी मिला दिया जाता था। पर अब दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डेयरी वाले दूध में डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, सफेद पेंट और रिफाइंड ऑयल की मिलावट कर देते हैं। इससे यह दूध स्लो पॉइजन में बदल जाता है। 

शरीर के किन अंगों को पहुंचाता है नुकसान
यह मिलावटी दूध हार्ट, किडनी, लिवर और आंतों पर बहुत बुरा असर डालता है। अगर इसका सेवन लंबे समय तक किया जाए तो यह दिमाग और नर्वस सिस्टम को भी कमजोर कर देता है।

कैसे लगाएं पता दूध नकली है
दूध को हथेलियों के बीच रगड़ने से अगर लगे कि यह साबुन जैसा है तो यह सिंथेटिक दूध हो सकता है। इसकी एक पहचान यह भी है कि गर्म करने पर यह हल्का पीला हो जाता है। स्टार्च की मिलावट की जांच करने के लिए दूध में कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालने पर यदि उसका रंग नीला हो जाए तो इसका मतलब है कि यह मिलावटी दूध है। दूध में डिटर्जेंट मिलाया गया है या नहीं,  इसकी जांच करने के लिए 5 से 10 मिलीलीटर दूध में इतना ही पानी मिला कर तेजी से हिलाएं। अगर इसमें झाग पैदा हो जाता है तो इसका मतलब है कि दूध मिलावटी है। 

मिलावटी दूध से बच पाना मुश्किल, पर रहें सचेत
वैसे तो दूध में इतने बड़े पैमाने पर मिलावट की जा रही है कि इससे बच पाना मुश्किल है, पर नकली दूध का पता लगाने के तरीके जानने पर आप सचेत रह सकते हैं और अपना बचाव कर सकते हैं। दूध में साफ पानी के मिलाने से सिर्फ पैसे का नुकसान होता है, पर आज जो मिलावट के खतरनाक तरीके चल निकले हैं, उनसे तो जान जा सकती है।