सार
केंद्र सरकार के PM Kisan FPO Yojana से जुड़ कर किसानों को काफी लाभ मिल सकता है। सरकार किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी देती है। जो किसान इससे जुड़े हैं, उसे सरकार 15-15 लाख रुपए भी देती है।
बिजनेस डेस्क: किसानों की हालत बेहतर हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। केंद्र सरकार ने PM Kisan FPO Yojana की भी शुरुआत की है। पीएम मोदी ने किसानों को खास सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इस योजना को शुरू किया है, ताकि इसके जरिए खेती से भी वैसा ही मुनाफा हासिल किया जा सके, जैसा किसी उद्योग में मिलता है। बता दें कि इस स्कीम में किसानों को 15-15 लाख रुपए दिए जाएंगे।
क्या है यह योजना
PM Kisan FPO Yojna के तहत किसान अपने संगठन बना कर योजना का लाभ ले सकेंगे। FPO का मतलब है फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन यानी किसान उत्पादक संगठन। यह संगठन कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होगा और सरकार किसानों के इन संगठनों को 15-15 लाख रुपए की सहायता देगी। इस योजना में किसानों के संगठन यानी FPO को किसी कंपनी की तरह सारे फायदे मिलेंगे। इससे किसानों की प्रोडक्टिविटी काफी बढ़ जाएगी। लेकिन फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) पर कॉपरेटिव एक्ट लागू नहीं होगा।
कितना खर्च करने जा रही है सरकार
केंद्र सरकार शुरुआत में इस योजना पर 4,496 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इस राशि से किसानों के उत्पादक संगठन को, जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होगा, नकद सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी मिल जाने के बाद 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनेंगे। इन्हें वही सारे फायदे मिलेंगे जो किसी कंपनी को मिलते हैं, क्योंकि इनका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट के तहत ही होगा।
किसानों को क्या होगा फायदा
PM Kisan FPO Yojana में छोटे और सीमांत किसानों का समूह बनाया जाएगा। इस समूह से जुड़े किसानों को उनकी उपज के लिए बाजार मुहैया करवाया जाएगा। यही नहीं, एक संगठन से जुड़े होने के कारण उनके लिए खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण भी खरीदना आसान होगा।
बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति
PM Kisan FPO Yojana से जुड़े किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा नहीं लेना होगा। वे अपने संगठन के जरिए ही बाजार में अपने उत्पाद बेच सकेंगे। इससे उन्हें बिचौलियों के मकड़जाल में छुटकारा मिल जाएगा। एफपीओ से जुड़ कर किसान अपने उत्पादों की अच्छी कीमत पा सकते हैं। PM Kisan FPO Yojna के तहत कम से कम 11 किसान मिल कर अपना ऑर्गनाइजेशन बना सकते हैं। इसे एग्रीकल्चरल कंपनी कहा जा सकता है। केंद्र सरकार FPO का कामकाज देख कर 3 साल में 15 लाख रुपए देगी।
कैसे मिलेगी सहायता
किसान जो FPO या एग्रीकल्चर कंपनी बनाएंगे, उससे कम से कम 300 किसान जुड़े होने चाहिए। यह संख्या मैदानी क्षेत्र के लिए है। पहाड़ी क्षेत्र में इनकी संख्या 100 हो सकती है। नाबार्ड कन्सल्टेंसी सर्विसेस ऑर्गनाइजेशन यानी FPO का काम देख कर उसकी रेटिंग करेगी। इसके अलावा भी कुछ शर्तें हैं, जिनके बारे में इस योजना से जु़ड़े अधिकारी जानकारी दे सकते हैं।
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