सार

भले ही सोने के बाद मामूली तेजी के साथ कारोबार कर रहा हो, उसके बाद भी सोने के दाम तीन महीने के निचले स्तर पर है। साथ ही 50 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जबकि चांदी में 200 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है।

बिजनेस डेस्क। सोमवार यानी 16 मई को भले ही सोने के बाद मामूली तेजी के साथ कारोबार कर रहा हो, उसके बाद भी सोने के दाम तीन महीने के निचले स्तर पर है। साथ ही 50 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जबकि चांदी में 200 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। जबकि दाम 60 हजार रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं विदेशी बाजारों में सोना और चांदी फ्लैट कारोबार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सोना और चांदी के दाम कितने हो गए हैं।

घरेलू बाजार में सोना और चांदी
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना और चांदी के दाम में तेजी देखने को मिल रही है। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सोने के दाम 78 रुपए की तेजी के साथ 49951 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जबकि आज सोना 49930 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ओपन हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी के दाम समान समय पर 223 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी के साथ 59555 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। जबकि आज चांदी 59437 रुपए प्रति किलोग्राम पर ओपन हुई थी।

विदेशी बाजारों में फ्लैट कारोबार
वहीं दूसरी ओर विदेशी बाजारों में सोना और चांदी फ्लैट कारोबार कर रहा है। कॉमेक्स बाजार में सोना 3.30 डॉलर प्रति ओंस की गिरावट के साथ 1805 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है। जबकि गोल्ड स्पॉट 5.70 डॉलर प्रति ओंस की गिरावट के साथ 1806.09 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है। जबकि न्यूयॉर्क के कॉमेक्स बाजार में चांदी 0.14 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 21.03 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रही हैं। जबकि सिल्वर स्पॉट के दाम 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 21 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है।

क्या कह रहे हैं जानकार
कोटक सिक्योरिटीज के वीपी- हेड कमोडिटी रिसर्च रवींद्र राव के अनुसार पिछले हफ्ते 3 महीने के निचले स्तर के परीक्षण के बाद कॉमेक्स पर सोना 1810 डॉलर प्रति ओंस औंस के करीब मिला। 2002 के हाई लेवल का परीक्षण करने के बाद अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट के कारण सोना रुक गया। साथ ही समर्थन मूल्य हाल के उच्च स्तर से बांड प्रतिफल में पीछे हटना है। हालांकि, कीमत पर वजन फेड की मौद्रिक मजबूती की उम्मीद है और ईटीएफ निवेशकों द्वारा निरंतर पलायन है।