सार

आपने इनकम टैक्स भर दियो हो और आपको रिफंड नहीं आया हो तो इस खबर को सेव कर लें। क्योंकि किसी के भी साथ ये समस्या आ सकती है। इसे निपटने के लिए पहले आपको अपना स्टेटस चेक करना होगा और इन तरीकों को अपनाना होगा। 

बिजनेस डेस्कः अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है और आपको टैक्स रिफंड नहीं आया, तो आपके लिए इसका पता करना जरूरी है। आम तौर पर टैक्सपेयर्स को उसका क्लेम किया गया रिफंड एक हफ्ते के अंदर मिल जाता है, वहीं कई बार इसमें देर भी हो जाती है। इसके पीछे कई वजह हो सकती है। बहरहाल, आपके लिए अपना टैक्स रिफंड का स्टेटस जानना जरूरी है। आप यह भी पता कर सकते हैं कि क्या वजह है, जिसके चलते आपका टैक्स रिफंड नहीं आ पा रहा है। जानें इसके बारे में।

गलतियों के कारण नहीं आता रिफंड
कई बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान कुछ गलतियां हो जाने की वजह से भी टैक्स रिफंड समय पर नहीं आ पाता है। इसलिए टैक्स रिफंड का स्टेटस जरूर चेक करना चाहिए। इससे आपको टैक्स रिफंड जल्दी हासिल करने में मदद मिल सकती है।

रिटर्न फाइल करने के दौरान गड़बड़ी
अगर आप बैंक डिटेल्स गलत भर देंगे या रिटर्न फाइल करने के दौरान कुछ गड़बड़ी हो जाएगी, तो रिफंड मिलने में देर हो सकती है। इसके अलावा बैंक अकाउंट प्रीवैलिडेट नहीं होने पर भी रिफंड मिलने में देरी होती है। इसके अलावा अगर आपका आईटीआर वेरिफाइड नहीं होगा, तो भी रिफंड मिलने में ज्यादा समय लग सकता है।

ऐसे पता करें स्टेटस
आप www.incometaxindia.gov.in या www.tin-nsdl.com पर ऑनलाइन अपने रिफंड का स्टेटस पता कर सकते हैं। इन वेबसाइट्स पर लॉग इन करने के बाद Status of Tax Refunds टैब पर क्लिक करें। इसके बाद अपना पैन (PAN) और एसेसमेंट ईयर डालें, जिस साल के लिए रिफंड पेंडिंग है। अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रॉसेस कर दिया होगा, तो आपको एक मैसेज मिलेगा। इसमें मोड ऑफ पेमेंट, रेफरेंस नंबर, स्टेटस और रिफंड की तारीख का उल्लेख होगा। अगर रिफंड प्रॉसेस नहीं हुआ है या नहीं दिया गया है, तो इसका मैसेज आएगा।

आप ई-फाइलिंग पोर्टल (E-Filing Portal) पर भी टैक्स रिफंड स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसक लिए ई-फाइलिंग पोर्टल में एंटर करने के बाद रिटर्न फॉर्म देखें। फिर माय अकाउंट टैब पर जाकर इनकम टैक्स रिटर्न सिलेक्ट करें। वहां सबमिट पर क्लिक करने के बाग एकनॉलेजमेंट नंबर पर क्लिक करें। इसके बाद टैक्स रिफंड के स्टेटस के साथ इनकम टैक्स रिटर्न डिटेल वाला पेज दिखने लगेगा।

काट ली जाती है एडवांस राशि
इनकम टैक्स देने वाले व्यक्ति का किसी भी वित्त वर्ष में अनुमानित निवेश के डॉक्युमेंट के आधार पर एडवांस राशि काट ली जाती है। जब वित्त वर्ष के अंत में वह अपने कागजात जमा करता है, तो हिसाब करने पर अगर यह पता चलता है कि उसका ज्यादा टैक्स कट गया है और उसे इनकम टैक्स विभाग से यह वापस लेना है, तो वह आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए अप्लाई करता है। इसके बाद बेंगलुरु स्थित इनकम टैक्स के सेंट्रल प्रॉसेसिंग सेंटर (CPC) से उसका रिफंड बैंक अकाउंट में भेज दिया जाता है।

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