सार

गोल्ड में इन्वेस्ट करना हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसकी रियल वैल्यू में गिरावट नहीं आती है, जिस कारण यह काफी सुरक्षित ऑप्शन रहता है। गोल्ड आपके अहम एसेट्स में से एक हो जाते हैं, जो आपको फायदा ही देते हैं। 

बिजनेस डेस्कः बाजार में मांग की कमी और प्रोडक्शन में लगातार गिरावट की वजह से ज्यादातर एसेट क्लास में निवेश करने पर रिटर्न काफी कम हो गया है। ऐसे जो कहीं निवेश करना चाहते हैं, वे कोई सुरक्षित और बेहतर रिटर्न वाले ऑप्शन की तलाश में हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी संकट के समय गोल्ड में निवेश हर लिहाज से बढ़िया होता है, क्योंकि इसकी रियल वैल्यू में ज्यादा गिरावट नहीं आ सकती। इसलिए यह निवेश के लिए हमेशा से एक सुरक्षित ऑप्शन रहा है।

गोल्ड में निवेश का तरीका
गोल्ड के बाजार में कई बार कीमतों में गिरावट आती है, लेकिन यह फिर मजबूती से वापसी करता है। यहां तक कि कई बार इसने बॉन्ड्स ऑर शेयरों को भी पीछे छोड़ दिया है। गोल्ड में निवेश के साथ एक खास बात यह भी है कि कुछ गोल्ड एसेट्स को आसानी से नकदी में बदला जा सकता है। गोल्ड में निवेश कई तरीकों से किया जा सकता है।

फिजिकल गोल्ड
सोने के सिक्के और गहने के रूप में फिजिकल गोल्ड खरीदा जा सकता है। भारत में सोने के गहने खरीदने की परंपरा रही है। लेकिन सोने के गहने खरीदने के पहले उनकी सुरक्षा, बीमा लागत और मेकिंग चार्जेज का ध्यान रखना चाहिए। यह सोने की लागत का 6 से लेकर 25 फीसदी तक होता है। सोने के सिक्के खरीदना भी बेहतर ऑप्शन है। इन्हें ज्वेलर्स, ई-कॉमर्स वेबसाइट्स नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों और सरकार से खरीदा जा सकता है। भारत सरकार ने जो गोल्ड क्वॉइन जारी किए हैं, उनके एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी की छवि है।

गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंड ट्रेडेड फंड्स) में भी निवेश करना एक अच्छा ऑप्शन है। गोल्ड ईटीएफ (ETF) में बीमा और बिक्री की लागत शामिल नही होती, इसलिए यह कॉस्ट इफेक्टिव भी है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। एक बार यह अकाउंट बना लेने के बाद सिर्फ गोल्ड ईटीएफ का चुनाव कर ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर दिया जा सकता है। 

गोल्ड एक्यूमुलेशन प्लान 
स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोल्ड रश पलान के तहत मोबाइल वॉलेट्स गूगल पे, पेटीएम और फोनपे के जरिए भी सोना खरीदा जा सकता है। इसे गोल्ड एक्यूमुलेशन प्लान (GAP) कहते हैं। 'डिजिटल गोल्ड' खरीदने का यह ऑप्शन एमएमटीसी-पीएएमपी या सेफगोल्ड के जरिए मिलता है। डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदला जा सकता है या रीसेल भी किया जा सकता है। 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश
सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) जारी करती है। ये कुछ महीनों के अंतराल पर जारी किए जाते हैं और एक निश्चित अवधि तक ही इन्हें खरीदा जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का एक मेच्योरिटी पीरियड होता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिहाज से इसे अच्छा माना गया है। भारत सरकार ने 5 नवंबर, 2015 को गोल्ड मॉनेटाइजेशन की योजना शुरू की थी, ताकि लोगों को बैंक लॉकर्स में पड़े सोने से कमाई करने का मौका मिल सके। यह कमाई ब्याज के तौर पर होती है।

फ्यूचर गोल्ड में निवेश
फ्यूचर गोल्ड में निवेश करना थोड़ा रिस्की होता है। इसमें सोने की कीमत को देखते हुए आगे के लिए इसका अनुमान लगाया जाता है और कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाया जाता है। अगर सोने की कीमत चढ़ती है, तो फ्यूचर्स मार्केट में कोई बहुत जल्दी पैसा कमा सकत है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर घाटा भी संभव है।

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