सार
यूं तो देश में चाय के शौकीनों की कमी नहीं है, लेकिन मिट्टी के कुल्हड़ में मिलने वाली चाय के दीवाने आपको अलग से मिलेंगे। जल्द ही अजमेर, जयपुर और जोधपुर समेत देश के 25 और रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ वाली चाय मिलनी शुरू हो जाएगी
नई दिल्ली. यूं तो देश में चाय के शौकीनों की कमी नहीं है, लेकिन मिट्टी के कुल्हड़ में मिलने वाली चाय के दीवाने आपको अलग से मिलेंगे। जल्द ही अजमेर, जयपुर और जोधपुर समेत देश के 25 और रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ वाली चाय मिलनी शुरू हो जाएगी और सफर के दौरान भी लोग इसका स्वाद ले सकेंगे। इस कवायद की प्रमुख वजह खाद्य सामग्रियों की बिक्री के लिए पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को तरजीह देने के प्रयास हैं।
उत्तर-पश्चिम रेलवे ने अपने सभी मंडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह रेलवे स्टेशनों पर पर्यावरण अनुकूल खानपान उत्पादों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। इन 25 स्टेशनों में बीकानेर, सिरसा, भिवानी, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, हिसार, चुरू, सूरतगढ़, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, नागपुर, जैसलमेर, भगत की कोठी, लूणी, जयपुर, झुंझुनू, दौसा, गांधीनगर, दुर्गापुर, सीकर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही रोड और आबू रोड शामिल हैं।
इससे पहले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी के अनुरोध पर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने नौ सितंबर को देशभर के जोनल रेलवे के सभी प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों और आईआरसीटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे।
अभी वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर पहले से मिट्टी के कुल्हड़ों का इस्तेमाल हो रहा है। रेलवे ने देशभर के 400 स्टेशनों पर कुल्हड़ के उपयोग का निर्णय किया है।