सार
उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट (Budget 2023) में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाएगी। पिछले चार साल में बजट में कृषि क्षेत्र के आवंटन में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है।
नई दिल्ली। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस साल के बजट से किसानों को बड़ी उम्मीद है। पिछले चार साल में बजट में कृषि क्षेत्र के आवंटन में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस साल कृषि बजट में अच्छी खासी वृद्धि करेगी। पिछले साल के बजट में किसानों को हाईटेक बनाने की बात की गई थी।
2022 के बजट में कहा गया था कि किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं दी जाएंगी। खेती में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। किसान ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव कर पाएंगे। इसके साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात की गई थी। कहा गया था कि सरकार देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी। इसके लिए पहले चरण में गंगा नदी से सटे पांच किलोमीटर चौड़े इलाके को चुना गया था।
पिछले 7 साल में कृषि बजट
- 2022-23: 1,32,513 करोड़ रुपए
- 2021-22: 1,23,017 करोड़ रुपए
- 2020-21: 1,16,757 करोड़ रुपए
- 2019-20: 94,251 करोड़ रुपए
- 2018-19: 46,076 करोड़ रुपए
- 2017-18: 37,396 करोड़ रुपए
- 2016-17: 36,912 करोड़ रुपए
40 फीसदी से अधिक लोगों को रोजगार देता है कृषि क्षेत्र
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए कृषि महत्वपूर्ण क्षेत्र है। GDP में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 15 फीसदी है, लेकिन यह क्षेत्र 40 फीसदी से अधिक लोगों को रोजगार देता है। इसके साथ ही यह क्षेत्र खाद्य सुरक्षा के लिए काफी अहम है। बजट 2023 में सरकार को किसानों की आजीविका में सुधार के लिए अधिक संसाधनों का निवेश करने की आवश्यकता है। हाल के वर्षों में सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और पूरे कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) शामिल हैं।
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पीएम किसान योजना से किसानों को हर साल 6,000 रुपए की मदद दी जाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 11.3 करोड़ किसान परिवारों को दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है। पीडब्ल्यूसी इंडिया में कृषि और प्राकृतिक संसाधनों के कार्यकारी निदेशक शशिकांत सिंह के अनुसार सरकार को कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। मछली पालन और पशुपालन को भी बजट में अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
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