सार
मनी लॉन्ड्रिंग केस में यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर तीन साल से जेल में हैं। उन्हें एक बार फिर जमानत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ 2020 में पहली बार केस दर्ज हुआ था।
बिजनेस डेस्क : यह बैंक के फाउंडर राणा कपूर को एक बार फिर जोरदार झटका लगा है। शुक्रवार 4 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका (Yes Bank Founder Rana Kapoor Bail) पर विचार करने से ही इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इस मामले ने फाइनेंशियल सिस्टम को ही हिलाकर रख दिया था।' बता दें कि राणा कपूर पिछले तीन साल से जेल में बंद हैं।
राणा कपूर पर क्या आरोप हैं
राणा कपूर पर परिवार और सहयोगियों को फायदा पहुंचाने के लिए पद के दुरुपयोग करने का आरोप है। रिश्वत, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उन्हें जेल भेजा गया है। पहली बार 2020 में CBI ने राणा कपूर पर केस दर्ज किया था। 8 मार्च, 2020 को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी गिफ्तारी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने राणा कपूर की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। राणा कपूर की तरफ से भी याचिका वापस ले ली गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राणा कपूर ने जो किया, उसने पूरी वित्तीय व्यवस्था को हिलाकर रख दिया। DHFL मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।
राणा कपूर को सेबी का नोटिस
इधर, जुलाई के आखिरी में सेबी ने भी यस बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ राणा कपूर को एक नोटिस भेजा है। इस नोटिस में प्राइवेट सेक्टर के लेंडर के AT1 बांड को गलत तरह से बेचने के मामले में 2.22 करोड़ रुपए का भुगतान करने को कहा है। अगर ये रकम नहीं चुकाई गई तो गिरफ्तारी की चेतावनी भी सेबी ने दी है। रकम चुकाने के लिए राणा कपूर को 15 दिन का समय दिया गया है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति और बैंक अकाउंट भी कुर्क करने की चेतावनी दी गई है।
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