सार
टेक्नोलॉजी के एडवांस होने से क्रिकेट की अवैध सट्टेबाजी को भी हाईटेक बना दिया है। भारत का क्रिकेट सट्टा बाजार भी काफी बड़ा है। यहां क्रिकेट का सट्टाबाजार लाखों-करो़ड़ों में है। कई गेमिंग एप इस काले कारोबार का हिस्सा हैं।
बिजनेस डेस्क : गेमिंग एप महादेव पर ED का का शिंकजा कसने के बाद एक बार फिर क्रिकेट में सट्टेबाजी (Cricket Betting) को लेकर चर्चा बढ़ गई है। कहा यह भी जा रहा है कि टेक्नोलॉजी के एडवांस होने से क्रिकेट की अवैध सट्टेबाजी को भी हाईटेक बना दिया है। भारत का क्रिकेट सट्टा बाजार भी काफी बड़ा है। यहां क्रिकेट का सट्टाबाजार लाखों-करो़ड़ों में है। कई गेमिंग एप इस काले कारोबार का हिस्सा हैं और कई नए इससे तेजी से जुड़ रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं क्रिकेट सट्टेबाजी में जो पैसा आता है, वो कहां जाता है, हर मैच पर कितनी रकम कमाई जाती है और इसका भाव कैसे तय होता है....
भारत में क्रिकेट सट्टा बाजार कितना बड़ा
हमारे देश में सट्टा बाजार करीब तीन लाख करोड़ से भी ज्यादा है। यह पैसा इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। ज्यादातर सट्टेबाजी अंडरवर्ल्ड माफिया ही ऑपरेट करते हैं। किसी तरह से पूरे खेल और खिलाड़ी को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। अपने फायदे के लिए मैच फिक्स और प्लेयर्स को फंसाने की कोशिश करते हैं। कई बार तो खिलाडिय़ों को धमकी भी दी जाती है। पिछले कुछ सालों में ही एशिया के देशों में मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग बढ़ी हैं।
सट्टेबाजी के बढ़ाने में नई टेक्नोलॉजी कितनी अहम
नई तकनीक ने सट्टेबाजी को और भी विशाल कर दिया है। इससे दूर-दराज, गांवों में रहने वाले लोग भी इससे जुड़ने लगे हैं। इंटरनेट पर सट्टेबाजी की वेबसाइट्स हैं, ब्राउजर्स, ऐप चल रहे हैं। इनकी जांच कर पाना भी काफी मुश्किल है। कई सारी इंटरनेशनल गैम्बल वेबसाइट्स भी भारतीयों को ऑनलाइन सट्टेबाजी को उकसाती हैं। यहां से भी भारत से करीब 10 हजार करोड़ से ज्यादा का सट्टा लगाया जाता है।
क्रिकेट सट्टेबाजी का पैसा किसके पास जाता है
क्रिकेट में सट्टेबाजी को कंट्रोल कर पाना आसान नहीं है। यह काला धन उन हाथों तक पहुंचता है, जो देश की सुरक्षा औऱ प्रगति के लिए खतरनाक हैं। कुछ समय पहले ही काले धन की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (SIT ने क्रिकेट में सट्टेबाजी और ब्लैक मनी को जोड़ा था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'बहुत हद तक सट्टेबाजी से जो पैसा आता है, वह क्राइम वर्ल्ड की गतिविधियों का हिस्सा बनता है। भारत जैसे देश में भी खेलों की सट्टेबाजी पर जो पैसा लगता है, उसका ज्यादा फायदा अंडरवर्ल्ड और माफिया को रहता है।'
क्रिकेट के हर मैच पर कितना पैसा लगता है
एक अनुमान के तहत, क्रिकेट में सट्टेबाजी का काला धंधा हर मैच पर करीब 2 बिलियन डालर यानी 200 करोड़ रुपए है। अघोषित तौर पर यह आंकड़ा प्रति मैच 700 करोड़ बताया जाता है। यह कारोबार कहां तक फैला है इसका अंदाजा भी मुश्किल है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स और स्मार्टफोन ने इसे और भी आसान बनाय दिया है। टी20 और वनडे मैच में सट्टा बाजार काफी गर्म होता है। मैच से पहले ही भाव तय कर दिए जाते हैं। कोडवर्ड के जरिए रकम मंगाई जाती है।
क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े पॉपुलर वर्ड्स
पंटर- जो मैच में पैसा लगाते हैं
बुकी- पैसे का हिसाब-किताब रखने वाला
खाना- बिना पसंद की टीम पर पैसा लगाना खाना कहलाता है
लगाना- फेवरेट टीम पर पैसा लगाना
डिब्बा- मुख्य सटोरिया
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