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Gold GST: गोल्ड ज्वैलरी लेने से पहले ये 5 ट्रिक्स अपनाएं, हजारों रुपए बचाए!

Gold Jewelry Buying Tips: जीएसटी काउंसिल ने कई आइटम्स पर जीएसटी कम कर दिया है लेकिन सोने और चांदी पर GST में कोई बदलाव नहीं हुआ। गोल्ड पर 3% और ज्वैलरी मेकिंग चार्ज पर 5% जीएसटी पहले जैसा ही लागू है। ऐसे में जानिए 5 ट्रिक्स, जिनसे पैसे बचा सकते हैं। 

2 Min read
Satyam Bhardwaj
Published : Sep 04 2025, 02:15 PM IST
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मेकिंग चार्ज को नेगोशिएट करें
Image Credit : Gemini

मेकिंग चार्ज को नेगोशिएट करें

ज्यादातर ज्वैलरी की कीमत का बड़ा हिस्सा मेकिंग चार्ज में जाता है। दुकानों में ये प्रतिशत के हिसाब से लिया जाता है (8–12%), जबकि पर-ग्राम बेस पर मेकिंग चार्ज अक्सर सस्ता पड़ता है। ज्वैलरी शॉप पर मेकिंग चार्ज पूछें और जहां कम हो, वहां से शॉपिंग करें।

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वेस्टेज और डिजाइन को समझें
Image Credit : Gemini

वेस्टेज और डिजाइन को समझें

कई दुकानों में वेस्टेज भी मेकिंग में जोड़ा जाता है। इससे छोटा सा सोना भी आपको महंगा लग सकता है। भारी और जटिल डिजाइन की ज्वैलरी में चार्ज ज्यादा होता है। जबकि आसान डिजाइन पर कम मेकिंग चार्ज लगेगा। अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से डिजाइन चुनें। वेस्टेज अलग कराएं। इससे भी हजारों रुपए तक बचत हो सकती है।

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22 कैरेट vs 18 कैरेट: शुद्धता और कीमत का बैलेंस
Image Credit : Meta AI

22 कैरेट vs 18 कैरेट: शुद्धता और कीमत का बैलेंस

22 कैरेट गोल्ड शुद्ध होता है, लेकिन महंगा भी होता है। वहीं 18 कैरेट सस्ता है लेकिन शुद्धता थोड़ी कम होती है। अगर ज्वैलरी या चेन डेली पहनने या गिफ्ट के लिए है, तो 18 कैरेट का ऑप्शन भी देख सकते हैं। इससे 10 ग्राम पर अच्छी-खासी बचत हो सकती है।

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हॉलमार्क और बिलिंग चेक करें
Image Credit : Meta AI

हॉलमार्क और बिलिंग चेक करें

BIS HUID 6-अंकों का होना चाहिए। बिल में वजन, शुद्धता और मेकिंग चार्ज ब्रेकअप साफ-साफ लिखा हो। हॉलमार्क और बिलिंग सही होने से फ्यूचर में परेशानी नहीं आती है। इससे बाय-बैक या एक्सचेंज में नुकसान कम होता है। दरअसल, पुरानी ज्वैलरी को एक्सचेंज करने पर दुकानों से कटौती या नेट अमाउंट पर फायदा मिलता है। मेकिंग चार्ज पर 5% GST अभी भी लागू है।

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ऑफर्स और पैकेजिंग का लाभ उठाए
Image Credit : Gemini

ऑफर्स और पैकेजिंग का लाभ उठाए

सीजनल या फेस्टिव ऑफर अक्सर मेकिंग चार्ज पर मिलते हैं, जीएसटी पर नहीं। पैकेजिंग की फैंसी डिजाइन भी आपकी ज्वैलरी का बिल बढ़ा सकती है। इसलिए सिंपल डिजाइन चुनें और पैकेजिंग को समझकर ही लें।

Disclaimer: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई GST दरें, मेकिंग चार्ज और गोल्ड रेट्स समय और स्थान के अनुसार बदल सकते हैं। निवेश या खरीदारी से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार या ज्वेलरी डीलर से पुष्टि करें।

About the Author

SB
Satyam Bhardwaj
सत्यम भारद्वाज। 2017 से जर्नलिज्म की फील्ड में काम कर रहे हैं, 8 साल का अनुभव। अक्टूबर 2021 से एशियानेट न्यूज हिंदी से जुड़कर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है। पॉलिटिकल न्यूज, नेशनल न्यूज, बिजनेस-टेक और ऑटो, क्राइम और फीचर स्टोरीज में खास इंट्रेस्ट है। अलग-अलग मीडिया इंस्टीट्यूशन और कई पब्लिक रिपोर्ट्स बनाने का अनुभव।
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