सार
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इजराइल-फिलिस्तीन की वॉर का असर भारतीय इकोनॉमी पर पड़ सकता है। अगर इस युद्ध की चपेट में पूरा पश्चिम एशिया आया तो सबसे पहला असर कच्चे तेल पर पड़ेगा और उसकी सप्लाई पर पड़ सकता है।
बिजनेस डेस्क : इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग (Israel Palestine Conflict) का क्या भारत पर भी असर होगा? अगर हां तो कितना, कहां और कैसे? एक्सपर्ट्स का मानना है कि इजराइल-फिलिस्तीन की वॉर का असर भारतीय इकोनॉमी पर पड़ सकता है। अगर इस युद्ध की चपेट में पूरा पश्चिम एशिया (West Asia) आया तो सबसे पहला असर कच्चे तेल पर पड़ेगा और उसकी सप्लाई पर पड़ सकता है। क्रूड ऑयल की सप्लाई रुकना चुनौती हो सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी इस पर कुछ भी कहना ज्यादा जल्दबाजी हो सकता है। बस स्थिति पर नजर बनाए रखनी होगी। आइए जानते हैं इजराइल-फिलिस्तीन जंग का भारतीय इकोनॉमी पर कहां-कहां असर हो सकता है...
भारत और इजराइल का कारोबार
खबरों के अनुसार, एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान प्रमुख सुमन चौधरी का कहना है कि 'भारत के साथ इजरायल का कारोबार 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023 में इजरायल को निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर का है और आयात 2.3 बिलियन डॉलर है।' उन्होंने बताया कि ‘पेट्रोलियम निर्यातक देशों और दूसरे तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक के क्रूड ऑयल के सप्लाई में कटौती करने के बाद इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम पहले ही बढ़ चुके हैं। चूंकि दोनों देशों का कारोबार काफी ज्यादा है इसलिए इस जंग का असर थोड़ा सीमित हो सकता है।’
हालात पर RBI की नजर
खबरों के मुताबिक,बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है' इजराइल में जो हालात हैं, उसका भारत पर पड़ने वाला आर्थिक प्रभाव पहले तेल के दाम और फिर मुद्रा से देखा जाएगा। उनका कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) उभरते हालात पर नजर रख सकता है। हालांकि, इस समय किसी तरह के एक्शन की संभावना नहीं है।' इस जंग का असर महंगाई पर पड़ेगा या नहीं, इसको लेकर मदन सबनवीस का कहना है कि 'इसका असर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर नहीं होगा, जो भी असर देखने को मिलेगा, वह थोक मूल्य सूचकांक पर दिख सकता है। क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतों का असर तेल मार्केटिंग कंपनियों पर दिख सकता है।'
इजराइल के हालात का गोल्ड पर असर
अर्थशास्त्री सुमन चौधरी का कहना है कि 'पश्चिम एशिया में जो वॉर (Israel-Hamas war) चल रही है, अगर उसे लेकर सप्लाई में रुकावट आती है तो भारत सरकार जरूरी सामानों की कीमतों को कम करने कुछ कदम उठा सकती है। युद्ध की वजह से सोने के दाम भी बढ़ सकते हैं।'
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