सार
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच आचार संहिता लगी हुई है। इस दौरान बहुत ज्यादा कैश और शराब जब्त की जाती हैं। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, अगर अवैध पैसे या शराब का सबूत नहीं पेश कर पाते तो उसे जब्त कर लिया जाता है।
बिजनेस डेस्क : 18वीं लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election 2024) का ऐलान होते ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लग गई है। इस दौरान कई बार चुनावों में करोड़ों रुपए कैश और बड़ी मात्रा में शराब पकड़ी जाती है। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, अगर ये नियम के खिलाफ यानी अवैध हैं तो इन्हें जब्त कर लिया जाता है। लेकिन क्या आप इन पैसों और शराब को वापस पाने के नियम जानते हैं, क्या आप जानते हैं कि जब्त हुई चीजों का चुनाव आयोग क्या करता है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं...
चुनाव में जब्त पैसे क्या वापस मिल सकते हैं
अगर चुनाव के दौरान आचार संहित में पुलिस कैश यानी नगदी जब्त कर लेती है तो उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है। जिस व्यक्ति का ये कैश होता है, वह इसके लिए क्लेम कर सकता है। अगर वह साबित कर लेता है कि ये पैसा उसका अपना है और किसी तरह से अवैध नहीं है तो उसे इसकी जानकारी सबूत के तौर पर देना पड़ता है। अगर सभी सबूत सही निकलते हैं तो पैसा वापस कर दिया जाता है।
पैसे के सबूत के तौर पर क्या मिलते हैं
- ATM ट्रांजैक्शन
- बैंक की रसीद
- पासबुक में एंट्री
अगर जब्त पैसे क्लेम न करें तो उनका क्या होता है
अब सबसे बड़ा सवाल कि चुनाव के दौरान मिले अवैध कैश यानी जिनका कोई क्लेम न करें तो उन पैसों का क्या किया जाता है? दरअसल, चुनाव में जब्त किए गए अवैध कैश पर अगर कोई दावा नहीं करता है तो उसे सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता है।
चुनाव के दौरान पकड़ी गई शराब का क्या होता है
चुनाव के दौरान आचार संहिता में जो शराब जब्त की जाती है, वो अगर कानूनी तौर से ले जाई जा रही है तो उसे छोड़ दिया जाता है। लेकिन अगर बिना कागजों के या अवैध तरीके से ले जाई जा रही है तो उसे जब्त कर लिया जाता है। सभी जगह से पकड़ी गई शराब एक जगह जमा कर बाद में नष्ट कर दिया जाता है।
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