सार
नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट में शामिल करने की तैयारी साल 2019 में हो गई थी। तभी उन्हें ट्रस्ट में बतौर ट्रस्टी शामिल किया गया था। अब उन्हें पूरी तरह इसकी कमान सौंप दी गई है।
बिजनेस डेस्क : रतन टाटा के बाद टाटा ट्र्स्ट की कमान अब सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) के हाथ में हैं। उन्हें नया चेयरमैन चुना गया है। उनकी वर्किंग स्टाइल रतन टाटा (Ratan Tata) से बिल्कुल अलग है। नोएल टाटा पहले से ही टाटा ग्रुप (Tata Group) की 5 कंपनियों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनकी लीडरशिप में 10 साल में ही ट्रेंट लिमिटेड के शेयर में 6,000% से अधिक उछाल आया है। वो चुपचाप काम करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी वर्किंग स्टाइल भी एकदम अलग है।
नोएल टाटा के पास कौन-कौन सी कंपनियां
पिछले 40 साल से टाटा ग्रुप से जुड़े नोएल टाटा अब तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास और टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा स्टील और टाइटन कंपनी की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं। उन्होंने इन कंपनियों का बिजनेस काफी आगे बढ़ाया है।
नोएल टाटा की वर्किंग स्टाइल
नोएल टाटा मीडिया से दूर रहना पसंद करते हैं। उनके काम करने की स्टाइल लो-प्रॉफिट लीडरशिप है। उनके काम करने की स्टाइल रतन टाटा से एकदम अलग है। रतन टाटा फ्रंट पर आकर कंपनी की कमान संभाला करते थे, हर फैसले में एक्टिव रोल निभाते थे। जबकि नोएल टाटा चुपचाप पर्दे के पीछे काम किया करते हैं। पब्लिक ज्यादा नहीं नजर आते हैं। उन्हें मीडिया और फोकस में रहना पसंद नहीं है। 1998 में उन्हें ट्रेंट का एमडी बनाया गया था, तब एक स्टोर से 700 स्टोर भारत में खोल चुके हैं।
टाटा का नाम दुनिया में बढ़ाया
नोएल टाटा ने ग्रुप का नाम दुनिया में फैलाने में काफी अहम रोल निभाया है। उनकी अगुवाई में टाटा समूह के रिटेल बिजनेस की ग्लोबल पहुंच काफी अच्छी रही। ट्रेंट के एमडी बनाए जाने के बाद उन्होंने इसे 2.8 लाख करोड़ का ब्रांड बनाया। टाटा इंटरनेशनल को भी 4,000 करोड़ से 24,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनाया। यही कारण है कि उन्हें टाटा ट्रस्ट की कमान सौंपी गई। साल 2019 में ही इसकी तैयारी हो चुकी थी, यही कारण है कि उन्हें टाटा ट्रस्ट में बतौर ट्रस्टी शामिल कराया गया था।
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