RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखकर होम लोन और रियल एस्टेट क्षेत्र की स्थिरता कायम की है। यह निर्णय निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है और घर खरीदारी को आसान बना सकता है, जिससे बाजार में तेजी बनी रहती है।
RBI Repo Rate Unchanged: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को प्रमुख रेपो दर (Repo Rate) को 5.5% पर बनाए रखा। RBI ने भारत की आर्थिक प्रगति के बारे में बढ़ते आशावाद के बीच वेट एंड वाच की नीति अपनाई है। MPC (Monetary Policy Committee) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "MPC ने नीतिगत रेपो दर को 5.5% पर बनाए रखने का फैसला किया है।" RBI के इस फैसले पर रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रमुख लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
रेपो दर 5.5% पर बनाए रखने से आवास क्षेत्र को मिलेगी गति: महेंद्र नागराज
एम5 महेंद्र समूह के उपाध्यक्ष महेंद्र नागराज ने आरबीआई के फैसले की सराहना की। कहा,
रेपो दर को 5.5% पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय विवेकपूर्ण और आश्वस्त करने वाला कदम है। यह भारत के आवास क्षेत्र में गति को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि होम लोन की कम दरें किफायती और प्रीमियम, दोनों तरह के आवास क्षेत्रों में खरीदारों की मजबूत धारणा बनाए रख रही हैं। नीतिगत दिशा डेवलपर्स को बेहतर योजना बनाने और अधिक कुशलता से काम करने में सक्षम बना रही है। ब्याज दरों में कटौती से बाजार को मदद मिलती, लेकिन कुल मिलाकर यह रुख लंबे समय की स्थिरता मजबूत करता है।
ब्याज दरों में स्थिरता की थी उम्मीद: लिंकन बेनेट रोड्रिग्स
बेनेट एंड बर्नार्ड के अध्यक्ष और संस्थापक, लिंकन बेनेट रोड्रिग्स ने कहा कि स्थिर ब्याज दरों की उम्मीद थी। इसका लग्जरी रियल एस्टेट खरीदारों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा,
"लग्जरी रियल एस्टेट में ब्याज दरें मुख्य कारक नहीं होतीं। खरीदार लंबे समय तक बने रहने वाली कीमत, विरासत और जीवन की गुणवत्ता के लिए निवेश कर रहे हैं।"
रोड्रिग्स ने कहा कि गोवा जैसे बाजार में अमीर लोग, अनिवासी भारतीय और अनुभवी निवेशक सिर्फ ब्याज दरों में कटौती की बजाय संपत्ति के खास होने और स्थिरता में ज्यादा रुचि रखते हैं। RBI का फैसला स्थिरता की इसी भावना को पुष्ट करता है।
ब्याज दरों में कटौती से बढ़ सकती थी रौनक
स्टर्लिंग डेवलपर्स के चेयरमैन और एमडी रमाणी शास्त्री ने कहा कि यह क्षेत्र पहले ही मौजूदा ब्याज दरों के माहौल के अनुकूल हो चुका है और लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। शास्त्री ने कहा,
हमने कम ब्याज दरों के कारण, खासकर मिड, प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट में, मजबूत मांग देखी है। ब्याज दरों में कटौती से त्योहारी सीजन में रौनक बढ़ सकती थी, लेकिन यथास्थिति बनाए रखने से बिक्री की मौजूदा गति बरकरार रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से घर खरीदारों को कर्ज की स्थिर शर्तों का भरोसा मिलता है। वहीं, डेवलपर्स को आगे की योजना बनाने में स्पष्टता मिलती है। निरंतर मांग और निरंतर नीतिगत समर्थन के साथ, रियल एस्टेट क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख स्तंभ बने रहने की अच्छी स्थिति में है।
