इंफोसिस के नारायण मूर्ति ने भारत में चीन के 9-9-6 वर्क रूल (सुबह 9 से रात 9, हफ्ते में 6 दिन) को अपनाने की वकालत की है। यह 72 घंटे का वर्क-वीक है। चीन में गैरकानूनी इस नियम के सुझाव पर उनकी आलोचना हो रही है।
What is 9-9-6 Rule: इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने काम के घंटों को लेकर एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को दोहराया है। हालांकि, इस बार उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के लोगों को भी चीनी कंपनियों के 9-9-6 रूल को अपनाना चाहिए। आखिर क्या है ये नियम, जानते हैं।
क्या है 9-9-6 रूल?
9-9-6 नियम एक ऐसे वर्क कल्चर को बताता है, जो आम तौर पर कुछ चीनी टेक कंपनियों से जुड़ा है। खासकर पिछले दस सालों में। यह एक ऐसा शेड्यूल बताता है जिसमें कर्मचारियों से हफ्ते में 6 दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करने को कहा जाता है। इस नियम को मानने वाले कर्मचारी हफ्ते में 72 घंटे काम करते हैं। हालांकि, इस प्रैक्टिस के बहुत ज्यादा स्ट्रेसफुल होने की वजह से काफी आलोचना हुई है। इससे कर्मचारियों की हेल्थ और वर्क-लाइफ बैलेंस पर बुरा असर पड़ सकता है।
चीन की सुप्रीम कोर्ट ने माना 9-9-6 को गैरकानूनी
2021 में चीन की सुप्रीम कोर्ट ने 9-9-6 वर्किंग आवर सिस्टम को गैर-कानूनी घोषित कर दिया। हालांकि, यह साफ नहीं है कि इस बैन को कितने बड़े पैमाने पर लागू किया गया है और किन-किन जगहों पर इसे फॉलो किया जा रहा है।
9-9-6 नियम पर क्या बोले नारायण मूर्ति
9-9-6 कल्चर को मिली आलोचना के बावजूद, इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने एक इंटरव्यू के दौरान इसे एक पॉजिटिव उदाहरण बताया। बता दें कि मूर्ति 2023 में उस वक्त खूब चर्चा में थे तब नेशनल बहस छेड़ दी थी, जब उन्होंने कहा था कि भारतीयों को देश की ग्रोथ के लिए हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। नारायण मूर्ति ने कहा, चीन में एक कहावत है 9, 9, 6। आप जानते हैं इसका क्या मतलब है? सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक हफ्ते में 6 दिन काम करना। यानी यह 72 घंटे का वीक है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में भी युवाओं को कम से कम इतने ही घंटे काम करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पहले जिंदगी जीनी चाहिए बाद में वर्क-लाइफ बैलेंस की चिंता करनी चाहिए।
नारायणमूर्ति की क्यों हो रही आलोचना?
नारायणमूर्ति के इस बयान पर सोशल मीडिया में उनकी जमकर आलोचना हो रही है। लोग भारत में ओवरटाइम पे की कमी, ज्यादा काम के घंटों से जुड़े हेल्थ रिस्क, सैलरी का न बढ़ना, काम के आस-पास जिंदगी बिताने के नुकसान जैसी बातें कह रहे हैं। X यूजर आकाश तिवारी ने लिखा, यूरोप में एक कहावत है, 10, 5, 5। आप जानते हैं इसका क्या मतलब है - सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, हफ्ते में 5 दिन। वे घूमने जाते हैं, ट्रेकिंग करते हैं, दोस्तों से मिलते हैं और जिंदगी का मजा लेते हैं।


