सार

रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि 5.54 करोड़ से अधिक नए उद्यमियों ने अभी तक मुद्रा योजना के तहत ऋण लिया है तथा इस योजना के तहत अब तक 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये गये हैं।

नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि 5.54 करोड़ से अधिक नए उद्यमियों ने अभी तक मुद्रा योजना के तहत ऋण लिया है तथा इस योजना के तहत अब तक 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये गये हैं।

भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक केंद्र

उन्होंने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के बाद से ही छोटे शहरों में स्टार्टअप की संख्या में 45 से 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। स्टार्टअप इंडिया मुहिम के तहत देश भर में अभी तक 27 हजार स्टार्टअप की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक केंद्र है।

पेटेंट और ट्रेडमार्क की पंजीयन संख्या में हुई वृद्धि

उन्होंने कहा, "पिछले पांच साल में देश में दिये गये पेटेंट की संख्या चार गुणा बढ़ी है, जबकि ट्रेडमार्क के पंजीयन में पांच गुणा वृद्धि हुई है।" राष्ट्रपति ने 21वीं सदी को ज्ञान की सदी बताते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता युवाओं को इस क्षेत्र की अगुवाई के लिये तैयार करना है। उन्होंने कहा कि इस दशक में विशेषकर शोध, नवोन्मेष, इनक्यूबेशन और स्टार्टअप के मामले में युवा अग्रणी भूमिका में रहेंगे।

उन्होंने कहा, "इस संबंध में मेरी सरकार द्वारा लिये गए नीतिगत फैसलों से युवाओं को लगातार फायदा हो रहा है।" राष्ट्रपति ने कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में देश के टीयर 2 और टीयर 3 शहर एक नई भूमिका के साथ उभर रहे हैं।

स्वच्छता, स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों में छोटे शहरों की  सराहना 

उन्होंने स्वच्छता, सुविधाएं, स्टार्टअप तथा अन्य कारोबारी गतिविधियों में छोटे शहरों की प्रगति की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा, "कुशल भारत योजना तथा राष्ट्रीय प्रशिक्षु संवर्धन योजना के जरिये कौशल विकास के साथ ही युवाओं को स्वरोजगार के लिये आवश्यक वित्तपोषण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुद्रा योजना के तहत देश में पांच करोड़ 54 लाख से अधिक नये उद्यमियों ने ऋण लिया है।"

उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा कौशल विकास मंत्रालय और जलशक्ति मंत्रालय के सृजन से इस दिशा की सोच का पता चलता है।"

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)