सार
RBI Monetary Policy: आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने कहा कि 'महान लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को हमने हाल ही में खो दिया। उनकी अमर आवाज में गाया: 'आज फिर जीने की तमन्ना है'। इस खूबसूरत गीत की अगली पंक्ति के पीछे की भावना के साथ, उन्होंने आशावाद का एक शाश्वत संदेश दिया है।
RBI Monetary Policy: गुरुवार को आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) की बैठक में गवर्नर (RBI Governor) ने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को याद करते हुए बॉलीवुड की आईकोनिक फिल्म में गाए गाने को गुनगुनाया। गाने के शब्दों के पीछे अर्थों को समझें तो कोविड चुनौतियों के बीच यह काफी सटीक भी है। उन्होंने कोरोना काल में बढ़ती चुनौतियों में उम्मीदों और आशाओं को ना खोने का संदेश देते हुए लता मंगेशकर का गाया हुआ गाइड फिल्म का गीत आज फिर जीने तमन्ना को गुनगुनाया। आइए आपको भी बताते हैं कि उन्होंने मीटिंग में क्या कहा।
कोविड की स्थिति पर क्या बोले गवर्नर
RBI गवर्नर ने कहा, हम नाइटियन अनिश्चितता की दुनिया में रह रहे हैं। इसका कारण है कि हमें नहीं पता कि COVID-19 का अगला मूव या अगला वैरिएंट कौन सा आने वाला है। अर्थव्यवस्था के भविष्य की भविष्यवाणी करने की क्षमता वायरस डेवलपमेंट पर काफी निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि वायरस के उपचार कितना अच्छा या बुरा इसी बात पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि अगर वायरस के साथ पिछले दो वर्षों ने हमें कुछ सिखाया है, तो वो है विनम्र बने रहना, लेकिन आत्मविश्वास और आशावाद को कभी नहीं खोना है।
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लता मंगेशकर को किया याद
आरबीआई गवर्नर ने कहा आगे कहा कि महान लता मंगेशकर के रूप में जिन्हें हमने हाल ही में खो दिया उनकी अमर आवाज़ में गाया: "आज फिर जीने की तमन्ना है। इस खूबसूरत गीत की अगली पंक्ति के पीछे की भावना के साथ, उन्होंने आशावाद का एक शाश्वत संदेश दिया है। यह गाना गाइड फिल्म का है। जिसमें देव आनंद और वहीदा रहमान ने अभिनय किया था। जिसे विजस आनंद ने डायरेक्ट किया। इस फिल्म को हिंदी सिनेमा में आईकोनिक फिल्म का दर्जा प्राप्त है। 6 फरवरी को लता मंगेशकर का निधन हो गया था, जिसके बाद सोमवार शुरू होने वाली मीटिंग टाल दिया गया और तीन दिन की मीटिंग की शुरुआत मंगलवार से हुई।
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ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने लगातार 10 बार प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया। यह लगातार 10 नीतिगत समीक्षाएं हैं जब आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2020 से रेपो और रिवर्स रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।