सार
भारत सरकार ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए जो आरोग्य सेतु ऐप जारी किया है, उसे लेकर कहा गया कि इससे यूजर्स की निजी जानकारियां ली जा सकती हैं। यह भी कहा गया कि इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। इसके बाद सरकार ने यह घोषणा की है कि अगर कोई इस ऐप में किसी तरह की सुरक्षा संबंधी गड़बड़ी को साबित करता है तो उसे 3 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
बिजनेस डेस्क। भारत सरकार ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए जो आरोग्य सेतु ऐप जारी किया है, उसे लेकर कहा गया कि इससे यूजर्स की निजी जानकारियां ली जा सकती हैं। यह भी कहा गया कि इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। इसके बाद सरकार ने यह घोषणा की है कि अगर कोई इस ऐप में किसी तरह की सुरक्षा संबंधी गड़बड़ी को साबित करता है तो उसे 3 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। इसे 'बग बाउंटी' प्रोग्राम नाम दिया गया है। यही नहीं, अगर कोई इस ऐप में सुधार के लिए सही सुझाव देता है, तो उसे भी सरकार एक लाख रुपए देगी। सरकार यह साफ कर देना चाहती है कि जो भी इस ऐप का इस्तेमाल करता है, उसके फोन के डाटा का किसी तरह से गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
सभी के लिए है 'बग बाउंटी' प्रोग्राम
आरोग्य सेतु ऐप के जरिए यूजर की निजी जानकारियों को हासिल किया जा सकता है, इसे भारतीय नागरिकों के साथ विदेशी भी साबित कर सकते हैं। 'बग बाउंटी' प्रोग्राम में कोई भी भाग ले सकता है, लेकिन इनाम की राशि सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही मिलेगी। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के लिए ओपन सोर्स कोड 'गिटहब' (Github) और दूसरे डेवलपर्स को जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि जब से आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च हुआ है, इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं कि इससे लोगों की निजी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
ऐसी योजना किसी और देश में नहीं
सरकार के 'बग बाउंटी' प्रोग्राम को अनोखा बताते हुए नीति आयोग के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अमिताभ कांत ने कहा है कि दुनिया के किसी भी देश में इस तरह का खुलापन नहीं देखा जा सकता। किसी भी सरकार ने अपने ऐप की जांच के लिए इतनी खुली योजना नहीं शुरू की होगी। अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार यह वादा करती है कि ऐप में होने वाले किसी भी अपडेट की जांच के लिए किसी को भी छूट रहेगी।
प्राइवेसी का सवाल
कोविड-19 को ट्रैक करने के लिए विकसित किया गया भारत सरकार का ऐप आरोग्य सेतु लॉकडाउन के दौरान आलोचना के केंद्र में रहा है। आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने पर यह यूजर के डाटा तक पहुंच के लिए परमिशन मांगता है, इससे लोगों को लगता है कि इसका कहीं उन पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाए। गौरतलब है कि फोन में यह ऐप रखना सबके लिए अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में, लोगों के लिए जरूरी है कि वे इसे लेकर किसी तरह के संदेह में नहीं रहें कि उनके डाटा का कोई गलत इस्तेमाल हो सकता है। यही वजह है कि सरकार ने 'बग बाउंटी' प्रोग्राम शुरू किया है।